सीएसजेएमयू और जीएसवीएम मेडिकल कालेज के बीच एमओयू हुआ साइन
कानपुर शहर को मेडिकल क्षेत्र में नए अवसर प्रदान करने हेतु छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय तथा जी.एस.वी.एम. मेडिकल कालेज के मध्य मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) साइन किया गया।

- दोनों संस्थाएं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिलकर करेंगी अनुसंधान
- एमओयू से एकेडमिक, क्लीनिकल ट्रेनिंग, रिसर्च तथा पब्लिकेशन के कार्यों को मिलेगा बढ़ावा
कानपुर,अमन यात्रा । कानपुर शहर को मेडिकल क्षेत्र में नए अवसर प्रदान करने हेतु छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय तथा जी.एस.वी.एम. मेडिकल कालेज के मध्य मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) साइन किया गया। ये एमओयू एकेडमिक, क्लीनिकल ट्रेनिंग, रिसर्च तथा पब्लिकेशन के कार्यों को बढ़ावा देने के लिए किया गया। शुक्रवार को कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने इस अवसर पर कहा कि हमें खुद को समय के साथ परिवर्तित करते हुए अपने कार्य करने के तरीकों में भी परिवर्तन लाना होगा। प्रत्येक क्षण परिवर्तन हो रहा है और जो इस परिवर्तन के अनुरूप खुद को समायोजित कर लेता है,
वही अपने आप को सुरक्षित रख पाता है। उन्होंने कहा कोविड काल में भारत वर्ष ने अन्य देशों की अपेक्षा जमीनी स्तर पर काफी अच्छा कार्य किया, परंतु उन आंकड़ों का अनुसंधान की दृष्टि से अध्ययन नहीं हो पाया, जबकि अन्य देशों में किये गये कार्यों का शोधपरक प्रस्तुतीकरण और प्रकाशन किया गया। वर्तमान समय में होने वाले अनुसंधानों के परिप्रेक्ष्य में बोलते हुए कुलपति प्रो. पाठक ने कहा कि वर्तमान समय में होने वाले अधिकतम अनुसंधान संस्थानों के परस्पर सहयोग से हो रहे हैं। अतः बदलते हुए परिवेश में हमें अनुसंधान और अनुसंधानपरक प्रकाशन के प्रवाह के साथ चलने के लिए परस्पर सहयोग की आवश्यकता है।
जी.एस.वी.एम. मेडिकल कालेज, कानपुर के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने कहा कि मेडिकल कालेज, कानपुर और सीएसजेएमयू के परस्पर सहयोग से चिकित्सा क्षेत्र में अनेकानेक अनुसंधान किये जा सकते हैं। विश्वविद्यालय के स्कूल आफ हेल्थ साइंसेस, लाइफ साइंसेस, बायोटेक्नोलॉजी के साथ सभी प्रकार के अनुसंधान का मार्ग इस एम0ओ0यू0 से प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि हमें रिसर्च क्षेत्र में अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही हमें छात्रों को भी ऐसे कार्यों के लिए प्रेरित करने की जरुरत है।
वि.वि. के प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने कहा कि इस एमओयू के साइन होने से विभिन्न बीमारियों के मॉलीक्यूलर एवं सिग्नेचर जीन पर साथ मिलकर कर अनुसंधान किया जा सकता है। इस अनुसंधान के माध्यम से होने वाली बीमारियों के बचाव के रास्ते पहले ही निकाले जा सकेंगे। स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेस के डॉ. प्रवीन कटियार ने इस एमओयू को छात्रों के लिए एक अच्छा अवसर बताया। उन्होंने कहा कि इससे विश्वविद्यालस के छात्रों को एक बेहतर प्लेटफॉर्म मिल सकेगा।
कार्यक्रम का संचालन स्कूल आफ हेल्थ साइंसेस के निदेशक डॉ. दिग्विजय शर्मा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन सह निदेशक डॉ. मुनीश रस्तोगी ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव, वित्त अधिकारी पी.एस. चौधरी, डॉ. वर्षा प्रसाद, मेडिकल कालेज से प्रो. डॉली रस्तोगी आदि गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
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