अंतरर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर गोष्ठी आयोजित कर किया गया जागरूक
नमामि गंगे योजना के अंतर्गत खागा तहसील क्षेत्र के नौबस्ता गंगा घाट नदी किनारे अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर एक गोष्ठी के कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
खागा,फतेहपुर, अमन यात्रा : नमामि गंगे योजना के अंतर्गत खागा तहसील क्षेत्र के नौबस्ता गंगा घाट नदी किनारे अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर एक गोष्ठी के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें हमारी पृथ्वी पर पाई जाने वाली विभिन्न जैव विविधता को बचाने हेतु जन आंदोलन के रूप में लोगों को जागरूक करने का आवाहन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी विनय कुमार पाठक व अध्यक्षता प्रभागीय निदेशक रामानुज त्रिपाठी ने किया। तथा कार्यक्रम का संचालन क्षेत्रीय वन अधिकारी रामसुख सिंह ने किया।
खागा तहसील क्षेत्र के नौबस्ता गंगा घाट नदी किनारे अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी विनय कुमार पाठक ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा है कि कोरोना काल में डॉग पीपल वृक्ष के नीचे ऑक्सीजन की प्राप्ति के लिए बैंक में लगे थे इससे यह सिद्ध होता है कि प्राकृतिक के स्वरूप को किसी भी प्रकार से क्षति न पहुंचाया जाए। और पेड़ पौधों की सुरक्षा की जाए। और इन्होंने पीपल वृक्ष के महत्व के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस ऑक्सीजन की कमी के कारण बहुत से पक्षी विलुप्त हो रहे हैं जैसे गिद्ध व कौआ आदि पर चिंता व्यक्त किया। तथा इन्होंने इनके संरक्षण पर बल दिया।
वही कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रभागीय निदेशक रामानुज त्रिपाठी ने बताया कि यह पूरी विश्व की समस्या है कि हम अपनी जैव संरचना को संरक्षित करे। और इन्होंने जैव विविधताओं के महत्त्व व उनके संरक्षण के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए ग्राम प्रधानों को पंचायत स्तर पर बताया कि अपने अपने घरों के गमलों में एक पेड़ अवश्य सुरक्षित करें। और खेती के तौर पर खेतों में पेड़ पौधे लगाएं। जिसकी विभाग द्वारा निशुल्क व्यवस्थाएं की गई हैं। तथा अन्त में इन्होंने लोगों को जागरूक करते हुए मेरा आंगन मेरा पेड़ का नाम दिया।
इस मौके पर अपर जिला अधिकारी विनय कुमार पाठक ,प्रभागीय निदेशक रामानुज त्रिपाठी, क्षेत्रीय वन अधिकारी सच्चिदानंद यादव, क्षेत्रीय वन अधिकारी फतेहपुर रज्जन लाल सैनी, क्षेत्रीय वन अधिकारी रामसुख सिंह, छत्रपाल सिंह, देवदत्त सिंह सहित समस्त वन कर्मचारी मौजूद रहे।