सरकारी धन के गबन में फंसे एडीपीआरओ और सचिव
सरकारी धन का बंदरबांट व दुरुपयोग करने को लेकर विशेष न्यायाधीश एससीएसटी मो. कमरुज्जमा खान की अदालत ने धारा 156 (3) के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए तीन के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
बांदा। सरकारी धन का बंदरबांट व दुरुपयोग करने को लेकर विशेष न्यायाधीश एससीएसटी मो. कमरुज्जमा खान की अदालत ने धारा 156 (3) के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए तीन के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है। जिसमें एडीपीआरओ व सचिव भी शामिल हैं। इस मामले में थानाध्यक्ष अतर्रा को मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने को कहा गया है।
विद्याधाम समिति के सचिव राजा भइया ने विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट में प्रार्थना पत्र दिया था कि नरैनी ब्लॉक के ग्राम पंचायत अतर्रा ग्रामीण में सचिव मुकेश कुमार ने वर्ष 2021-22 में फर्जी कार्य दिखाकर 70 लाख रुपये का गबन कर लिया। वहीं, मजदूरी का करीब 7.88 लाख 956 रुपये मजदूरों को न देकर अपने निजी खाते में डाल लिया। इसी प्रकार सचिव ने राधा ट्रेडर्स नामक फर्म को लाभ पहुंचाने के लिए 56 लाख चार हजार 81 रुपये का फर्जी भुगतान किया। यही नहीं सचिव ने नियमों को ताक पर रखकर 99 हजार रुपये के फोटो स्टेट कापी कराने का पैसा निकालकर निजी खाते में डाल लिया। हैंडपंप मरम्मत के नाम पर 6 लाख 8 हजार 800 रुपये का फर्जी भुगतान किया गया।
विद्याधाम समिति संस्था के कार्यकर्ता बदौसा के हड़हा माफी निवासी विजय बहादुर ने विशेष न्यायाधीश एससीएसटी की अदालत में दो जून 2022 को प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमे विकास खंड नरैनी सचिव मुकेश कुमार तिवारी व एडीपीआरओ रमेश कुमार गुप्ता और नरेंद्र मोदी कुशवाहा द्वारा मिलकर सरकारी धन हडपने और रकम अपने खाते में ट्रांसफर करा धन का बंदरबांट करने का आरोप लगाया। इससे पहले इसकी जांच कराने को लिए डीएम व अन्य उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया गया था। जांच समिति पहुंची तो अभद्रता करते हुए विजय बहादुर से गालीगलौज की गई। इस मामले में न्यायाधीश ने उक्त तीनों के खिलाफ अतर्रा थाना प्रभारी को प्राथमिकी दर्ज करने और विवेचना का आदेश दिया है।