संभव अभियान के तहत हुई गर्भवती की गोदभराई
जनपद के बच्चों को स्वस्थ बनाने के लिए नियमित प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत एक जुलाई से दो अक्टूबर तक जनपद में संभव पोषण संवर्धन अभियान शुरू हुआ।
औरैया,अमन यात्रा : जनपद के बच्चों को स्वस्थ बनाने के लिए नियमित प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत एक जुलाई से दो अक्टूबर तक जनपद में संभव पोषण संवर्धन अभियान शुरू हुआ। अभियान के तहत सैम (तीव्र गंभीर अतिकुपोषित) – मैम (मध्यम गंभीर कुपोषित) और अल्प वजन वाले बच्चों को चिह्नित करने के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों पर अनेक गतिविधियां की जा रही हैं। इसी क्रम में ब्लॉक अछल्दा के आंगनबाड़ी केंद्र ग्राम पंचायत औतों में मंगलवार को गोदभराई कार्यक्रम आयोजित हुआ। आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुमन चतुर्वेदी ने गर्भवती ज्योति की परंपरागत तौर पर लाल चुनरी ओढाकर उनकी गोदभराई की। साथ ही बैठक करके प्रसव के दौरान चार बार जांच करवाने के लिए बताया, टीटी के टीके अवश्य लगवाएं और आयरन कैल्शियम प्रतिदिन लेने की सलाह दी । डिलीवरी के बाद 6 माह तक बच्चे को केवल स्तनपान करवाएं। सेविकाओं ने गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों की देखभाल के लिए विस्तृत जानकारी दी। सुमन ने कहा कि इस अवस्था में गर्भवती महिलाओं में रक्त की कमी हो जाती है। माता एवं गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य एवं प्रसव के दौरान होने वाली संभावित जटिलताओं में कमी लाने लाने के लिए गर्भवती के साथ परिजनों को भी अच्छे पोषण पर ध्यान देना चाहिए। आहार में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट के साथ वसा की जरूरत होती है। उन्हें अपने भोजन में हरी सब्जी, सतरंगी फल, दाल, सूखे मेवे एवं दूध को शामिल करने की अपील की। जिला कार्यक्रम अधिकारी शरद अवस्थी ने बताया के मुताबिक ‘संभव’ अभियान के पहले सप्ताह में गर्भावस्था की आखिरी तिमाही में स्तनपान प्रोत्साहन पर जागरूक किया जा रहा है , दूसरे सप्ताह में जन्म के समय कम वजन के बच्चे की देखभाल पर बातचीत, तीसरे सप्ताह में कंगारू मदर केयर पर जानकारी और चौथे सप्ताह में स्तनपान की तकनीक के बारे में बताया जाएगा। उन्होंने बताया कि अगस्त के पहले हफ्ते में नवजात शिशु की देखभाल के बारे में बताया जाएगा, दूसरे हफ्ते में सही समय पर सही प्रकार का भोजन लेना आवश्यक है, तीसरे हफ्ते में भोजन की गुणवत्ता एवं विविधिता के बारे में जागरूक किया जाएगा तथा चौथे हफ्ते में बीमार बच्चे का भोजन कैसा होना चाहिए इस पर प्रकाश डाला जाएगा। इसी प्रकार सितम्बर के पहले हफ्ते में दस्त से बचाव व प्रबंधन के बारे में जागरूक किया जाएगा, दूसरे हफ्ते में साफ-सफाई व स्वच्छता का पोषण में महत्व के बारे में बताया जाएगा, तीसरे हफ्ते में छोटे बच्चों में एनीमिया व अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों का बारे में किया जाएगा तथा चौथे हफ्ते में वजन दिवस कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा ।