विद्यांजलि कार्यक्रम से नहीं बदल रही परिषदीय स्कूलों की सूरत
बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से संचालित परिषदीय विद्यालयों को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने विद्यांजलि-2 कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके तहत सामुदायिक व निजी क्षेत्र की भगीदारी के माध्यम से विद्यालयों की सूरत बदलने की तैयारी की है।
- इस योजना पर सटीक बैठ रही है उल्टा चोर कोतवाल को डांटे कहावत
- नाम के लिए ले लिया विद्यालय को गोद, अपने पास से खर्च नहीं कर रहे एक भी ढेला
कानपुर देहात, अमन यात्रा : बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से संचालित परिषदीय विद्यालयों को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने विद्यांजलि-2 कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके तहत सामुदायिक व निजी क्षेत्र की भगीदारी के माध्यम से विद्यालयों की सूरत बदलने की तैयारी की है। इस योजना के तहत कोई भी इच्छुक व्यक्ति निर्धारित मानदंडों को पूरा करने पर सरकारी स्कूल में पढा सकता हैं। इसको चलाने के पीछें सरकार का एक ही उद्देश्य हैं शिक्षा को बढावा देंना व सरकारी स्कूलों में पढाई के स्तर को बढाना तथा सरकारी स्कूलों के आवश्यक संसाधनों की पूर्ति करना है लेकिन दुख की बात है यह कि यह योजना हवा हवाई बनकर रह गई है.
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जिन अधिकारियों या विधायक-सांसदों ने जिन विद्यालयों को गोद भी लिया है वे वहां पर अपनी ओर से कोई भी कार्य नहीं करा रहे हैं बल्कि आए दिन वहां निरीक्षण करने पहुंच जाते हैं और प्रधानाध्यापक को नोटिस जारी करते हैं कि आपने यह नहीं किया, आपने वह नहीं किया जबकि नियमानुसार उन विद्यालयों में जो संसाधन उपलब्ध नहीं है या जो खामियां हैं उनको उपलब्ध कराना व खामियों को दुरस्त कराने का काम गोद लिए जाने वाले व्यक्ति का है। सरकार ने विद्यालयों को गोद लिए जाने की योजना इसीलिए लागू की थी कि अधिकारी अपने पास से धन व्यय करेंगे लेकिन यहां सब उल्टा पुल्टा चल रहा है, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे कहावत सच साबित हो रही है।
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जिले में 1926 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। कायाकल्प योजना के तहत इन विद्यालयों में 18 पैरामीटर पर निर्माण कार्य कराया जा रहा है लेकिन विद्यालयों में अत्याधुनिक संसाधन मुहैया करने और स्तर सुधार के लिए सरकार प्रयास कर रही है। अब केंद्र सरकार इन विद्यालयों को सुदृढ़ करने और अत्याधुनिक संसाधन जुटाने के लिए विद्यांजलि-2 कार्यक्रम शुरू किया है। विद्याजंलि-2 के तहत विद्यालयों को प्रवासी भारतीयों, स्वयं सेवकों, विद्यालय के पूर्व छात्र व शिक्षक, सरकारी अधिकारियों समेत अन्य लोगों को जोड़ा जाएगा।
विद्याजंलि-2 कार्यक्रम के लिए दो कार्य क्षेत्र रहेंगे। एक क्षेत्र में विद्यालयों की सेवा व गतिविधियों में भाग ले सकेंगे। दूसरे क्षेत्र में संपत्ति सामग्री आदि उपकरण के माध्यम से स्वयं सेवक विद्यालयों को सुदृढ़ करने का कार्य करेंगे। विद्यालय से जुड़ने वाले स्वयं सेवक समेत अन्य लोगों को विद्याजंलि-2 की वेबसाइट पर पंजीकरण कराया जाएगा।