कविता
मेहनत करते है हम तो कमाने खाने वाले हैं। सुना है अच्छे दिन आने वाले हैं।
मेहनत करते है हम तो कमाने खाने वाले हैं। सुना है अच्छे दिन आने वाले हैं। मेहनत से सब कुछ हांसिल करूंगा। इसमें किस्मत को भी अपनी शामिल करूंगा। नहीं झूंठे वादे हैं मेरे फौलादी इरादे हैं। हम आसमान तक हाय बढ़ाने वाले हैं। सुना है अच्छे दिन आने वाले हैं
मेहनत करते है हम तो कमाने खाने वाले हैं।
सुना है अच्छे दिन आने वाले हैं।
मेहनत से सब कुछ हांसिल करूंगा।
इसमें किस्मत को भी अपनी शामिल करूंगा।
नहीं झूंठे वादे हैं मेरे फौलादी इरादे हैं।
हम आसमान तक हाय बढ़ाने वाले हैं।
सुना है अच्छे दिन आने वाले हैं
मेहनत करते हैं हम तो…..
किसी की आंख से आंसू ना बहे।
मुस्कुराता हुआ हर आदमी रहे।
सबको उजाला मिल सके
सूने राह में जो चल सके।
हम तो दीपक जलाने वाले हैं।
सुना है अच्छे दिन आने वाले हैं।
मेहनत करते हैं हम तो….
जहां ना हो कोई छोटा बड़ा।
जहां ना हो कोई अनपढ़ा।
किसी को ना हो परेशानी यार
किसी के अंदर ना हो अहंकार।
हम ज्ञान की ज्योति जलाने वाले हैं।
सुना है अच्छे दिन आने वाले हैं।
मेहनत करते हैं हम तो…
मिल जुलकर रहते हैं लोग जहां पर।
काले गोरे का नहीं है भेद यहां पर।
दुनियां में सबसे न्यारा है
सिर्फ भारत देश हमारा है।
हम प्रेम की गंगा बहाने वाले हैं।
सुना है अच्छे दिन आने वाले हैं।
मेहनत करते हैं हम तो कमाने खाने वाले हैं।
गीतकार अनिल कुमार दोहरे।