दिव्यांग बच्चों के लिए तैनात किए जाएंगे विशेष शिक्षक
परिषदीय स्कूलों में दस दिव्यांग बच्चों का नामांकन होने पर एक विशेष शिक्षक रखा जायेगा। इसी प्रकार छठवीं से आठवीं तक 15 दिव्यांग बच्चों के लिए एक शिक्षक का प्रावधान किया गया है।
- 10 दिव्यांग बच्चों पर रखना होगा एक विशेष शिक्षक
- स्कूलों में बच्चों की संख्या कम होने पर बनेगा क्लस्टर
- केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना
कानपुर देहात- परिषदीय स्कूलों में दस दिव्यांग बच्चों का नामांकन होने पर एक विशेष शिक्षक रखा जायेगा। इसी प्रकार छठवीं से आठवीं तक 15 दिव्यांग बच्चों के लिए एक शिक्षक का प्रावधान किया गया है। नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के बाद प्राथमिक या उच्च प्राथमिक स्तर पर किसी स्कूल में दस या 15 बच्चे न होने की स्थिति में अधिकतम चार स्कूलों का क्लस्टर बनाकर विशेष शिक्षक रखे जाएंगे। क्लस्टर स्कूलों के बीच की दूरी पांच किमी से अधिक नहीं होगी। कई ब्लॉक में दिव्यांग बच्चों की संख्या बेहद कम है जिससे शिक्षकों को दूर-दूर तक सफर कर पढ़ाने में परेशानी आ रही है। इसी समस्या को खत्म करने के लिए कलस्टर योजना बनाई गई है। ब्लॉक में मौजूद बच्चों की संख्या के आधार पर एक समूह तैयार किया जाएगा जिससे शिक्षक को बच्चों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त समय मिल सकेगा एवं दिव्यांग बच्चे शिक्षा से वंचित नहीं होंगे। उत्तर प्रदेश में 284809 दिव्यांग बच्चे चिह्नित हैं जिसमें कानपुर देहात जनपद के 1970 दिव्यांग बच्चें हैं। इनके लिए समेकित शिक्षा के तहत विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिलों में विशेष कैंप में पढ़ाई कराई जाती है। 2022-23 सत्र के लिए हुई प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए समेकित शिक्षा का समग्र प्लान बनाने के निर्देश दिए गए हैं।