सभी चुनावों के लिए एक मतदाता सूची बनाएगा निर्वाचन आयोग
नगर निकाय चुनाव के दौरान मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम काटे जाने के आरोपों के बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने इस समस्या को हमेशा के लिए दूर करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
लखनऊ/कानपुर देहात। नगर निकाय चुनाव के दौरान मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम काटे जाने के आरोपों के बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने इस समस्या को हमेशा के लिए दूर करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत आयोग अन्य कई राज्यों की तरह यूपी में भी लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची से नगर निकाय की मतदाता सूची को जोड़ेगा। इसी मतदाता सूची पर किसी भी चुनाव से पहले काम होगा। इस सूची में वोटरों की फोटो भी होगी ताकि गड़बड़ी की कोई गुंजाइश न हो।
यह जानकारी राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने रविवार को दी है। आयुक्त ने कहा कि नगर निकाय मतदाता सूची को लोकसभा चुनाव की सूची से जोड़ने का काम बाराबंकी से करने का प्रयास किया गया था पर उस प्रयोग पर काम ही शुरू नहीं हो पाया। इसमें कुछ व्यावहारिक दिक्कतें आईं थीं। सवाल उठा कि यदि नई सूची में खामियां निकलीं तो जिम्मेदारी किसकी होगी। वहीं भारत निर्वाचन आयोग ने इसकी जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया।
आयुक्त ने कहा कि अब हम लोकसभा चुनाव वाली सूची को आधार बनाकर अपनी फोटो युक्त निर्वाचक नामावली तैयार करेंगे। इसकी शुरुआत लखनऊ जिले से की जाएगी। इसके बाद हर जिले में सूची बनाएंगे। मालूम हो कि अभी केंद्रीय निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची के आधार पर लोकसभा का चुनाव होता है। उसी को आधार बनाकर विधानसभा चुनाव की सूची भी बनती है जबकि नगर निकाय की मतदाता सूची इनसे बिल्कुल अलग होती है इसमें मतदाताओं की संख्या ज्यादा होने के साथ ही यह गैर फोटो युक्त होती है जिससे दूसरे के स्थान पर दूसरा व्यक्ति भी वोट डाल सकता है लेकिन अब ऐसा बिल्कुल भी नहीं होगा। चुनाव आयुक्त के पास शिकायत में पहुंचने की बाद यह निर्णय लिया गया है आप चाहे लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा का चुनाव हो या निकाय चुनाव हो या ग्राम प्रधान का चुनाव हो, सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची बनाई जायेगी।
एजेंसी करेगी काम-
आयुक्त ने बताया कि इस काम के लिए एजेंसी को जिम्मेदारी दी जा रही है। इसको लेकर एक बैठक भी हो चुकी है। सूची का सारा काम एजेंसी करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि निकाय चुनाव को देखते वर्तमान मतदाता सूची राजनीतिक दलों को दे दी गई थी। यदि लोग या दल तभी शिकायत करते तो खामियों को समय से दूर कर दिया जाता।