दोबारा अंतर्जनपदीय स्थानांतरण का लाभ नहीं पा सकेंगे शिक्षक
अंतर्जनपदीय तबादले के लिए सत्यापन की स्पष्ट गाइडलाइन जारी कर दी गई है। बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने सत्र 2023-24 में परिषद के शिक्षक-शिक्षिकाओं के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के संबंध में बीएसए को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
- पति-पत्नी एक जिले में सेवारत तो नहीं मिलेगा 10 अंक का भारांक
- असाध्य रोगी और शादी के पूर्व अंतर्जनपदीय तबादले का लाभ ले चुके शिक्षक ही दोबारा होंगे अर्ह
लखनऊ / कानपुर देहात। अंतर्जनपदीय तबादले के लिए सत्यापन की स्पष्ट गाइडलाइन जारी कर दी गई है। बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने सत्र 2023-24 में परिषद के शिक्षक-शिक्षिकाओं के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के संबंध में बीएसए को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आनलाइन प्राप्त आवेदन पत्रों के सत्यापन के संबंध में कई बीएसए ने जानकारी मांगी थी। इस संबंध में जारी पत्र में बताया गया है कि अंतर्जनपदीय / पारस्परिक अंतर्जनपदीय स्थानांतरण का लाभ प्राप्त कर चुके शिक्षक एवं शिक्षिका को दूसरी बार यह लाभ नहीं मिलेगा।
न्यायालय के आदेश की बाध्यता के दृष्टिगत केवल वह शिक्षिका दूसरी बार स्थानांतरण के लिए अर्ह होंगी जिनके द्वारा शादी के पूर्व तथा केवल असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षक / शिक्षिका स्वयं अथवा पति-पत्नी एवं अविवाहित पुत्र-पुत्री के मेडिकल प्रमाण पत्र के आधार पर पूर्व में स्थानांतरण का लाभ लिया गया है। जिन शिक्षक की पत्नी व शिक्षिका के पति सरकारी सेवा में एक ही जनपद में हैं उन्हें लाभ नहीं मिलेगा। जिन्होंने ग्रामीण / नगर भरकर स्थानांतरण का लाभ लेकर अपने मूल जनपद में कार्यभार ग्रहण कर लिए हैं उन्हें ऑनलाइन आवेदन करने से वंचित नहीं किया जाएगा।
कंपोजिट प्राथमिक विद्यालय के जिन प्रधानाध्यापकों का पदनाम मानव संपदा पोर्टल पर त्रुटिवश सहायक अध्यापक या उच्च प्राथमिक विद्यालय प्रदर्शित हो रहा है उनके संशोधन की सुविधा बीएसए के लागिन पर उपलब्ध होने और प्रत्यावेदन के क्रम में स्थानांतरण पोर्टल पर संशोधन कार्यवाही की जाएगी। इसके अतिरिक्त ऐसे शिक्षक एवं शिक्षिका जिनकी सेवा समाप्त की गई है लेकिन न्यायालय के आदेश पर कार्यभार ग्रहण किया है और प्रकरण विचाराधीन है तो अंतिम निर्णय होने तक उनके आवेदन मान्य नही होंगे।
जिन्होंने वरीयता भारांक के लिए एक या अधिक विकल्प चुना है किंतु सत्यापन में साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया तो उनके आवेदन बीएसए निरस्त नहीं करेंगे। ऐसे मामले में उनकी लागिन पर एनआइसी द्वारा उपलब्ध सुविधा के क्रम में वरीयता के विकल्प हटाते हुए आवेदन पर नियमानुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी।