सुहागिनों की पूरी होगी मनोकामना, अखंड सौभाग्य को पूर्ण करेगा शिव योग
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पुखरायां कानपुर देहात। सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ अबकी कई शुभ संयोग के साथ होगा। सभी योगों में श्रेष्ठ शिवयोग सुहागिन महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला होगा। साथ ही बुधवार का दिन होने से इस पर्व की महत्व ज्यादा बढ़ गया है। बता दें बुध सौंदर्य कारक ग्रह है। इस दिन बुध के साथ में सूर्य ग्रह भी विद्यमान होंगे। जिससे बुधादित्य योग का निर्माण भी हो रहा है। शिवयोग के साथ ही सर्वार्थसिद्धि, सप्तकीर्ति, महादीर्घायु और सुख्य योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिषाचार्य मुकेश मिश्र के मुताबिक इस दिन चंद्रमा भी वृष राशि से निकलकर मिथुन राशि में संचार करेगा। ऐसे दुर्लभ संयोग कई वर्षों के बाद देखने को मिल रहे हैं। सुहागिनों के लिए इस बार का करवा चौथ का व्रत पूजन हजारों गुना शुभ फलदायक होगा। दरअसल यह व्रत कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को किया जाता है। सुहागिन इस दिन प्रात काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सरगी खा कर के व्रत आरंभ करती हैं। पूरे दिन निर्जला निराहार रहकर रात को चंद्रमा देखकर चंद्रमा को अघ्र्य देकर व्रत संपन्न करती हैं। मनोवांछित वर प्राप्ति के लिए कुंवारी कन्या भी इस व्रत को करती हैं।
करवा चौथ विशेष मंत्र-
रात के समय चंद्रमा को जल अर्पण के दौरान यह मंत्र जाप करना चाहिए। मंत्र है- सौम्यरूप महाभाग मंत्रराज द्विजोत्तम, मम पूर्वकृतं पापं औषधीश क्षमस्व मे. जिसका मतलब है मन को शीतलता पहुंचाने वाले, सौम्य स्वभाव वाले ब्राह्मणों मे श्रेष्ठ, सभी मंत्रों एवं औषधियों के स्वामी चंद्रमा मेरे द्वारा पूर्व के जन्मों मे किए गए पापों को क्षमा करें। मेरे परिवार मे सुख शांति का वास हो।
राशि के अनुसार पहनें वस्त्र-
मेष: बैंगनी या लाल, वृषभ: चमकीला सफेद, मिथुन: पीला, कर्क: पीला सफेद
सिंह : गुलाबी, कन्या: नारंगी या लाल, तुला: हल्का नीला, वृश्चिक: नारंगी और सफेद
धनु: पीला या हरा, मकर: चमकीला नीला, कुंभ: हल्का नारंगी या गुलाबी व मीन: हरा, पीला या पिकाक कलर
करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त-
संध्या पूजा का शुभ मुहूर्त 4 नवंबर (बुधवार) को शाम चार बजकर 34 मिनट से शाम आठ बजे तक। कहा जा रहा है कि चंद्रोदय शाम 7 बजकर 57 मिनट के बाद होगा।