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अनुदेशकों और शिक्षामित्रों का नहीं बढ़ेगा मानदेय

मात्र दस हजार रुपये पर बेसिक शिक्षा विभाग में कार्य कर रहे शिक्षामित्रों और नौ हजार में कार्य कर रहे अनुदेशकों का मानदेय मौजूदा सरकार नहीं बढ़ाएगी।

कानपुर देहात। मात्र दस हजार रुपये पर बेसिक शिक्षा विभाग में कार्य कर रहे शिक्षामित्रों और नौ हजार में कार्य कर रहे अनुदेशकों का मानदेय मौजूदा सरकार नहीं बढ़ाएगी। एक सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री नें कहा है कि शिक्षामित्रों को सपा सरकार में 3500 मिलता था और अनुदेशकों को मात्र 7000 रूपये मिलता था और हमारी सरकार में शिक्षामित्रों को 10 हजार और अनुदेशकों को 9 हजार रुपये मिल रहा है। अभी सरकार द्वारा फिलहाल मानदेय बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

वहीं मुख्यमंत्री से मानदेय बढ़ाने की मांग पर भी बेसिक शिक्षा परिषद ने कहा था कि शिक्षामित्रों का मानदेय फिलहाल नहीं बढ़ेगा। शिक्षामित्रों की ओर से इस बाबत मुख्यमंत्री से की गई मांग पर बेसिक शिक्षा परिषद ने यह जवाब दिया है। परिषद के सचिव ने कई पुराने शासनादेशों का हवाला देते हुए लिखा है कि यह प्रकरण पोषणीय नहीं है। प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश महामंत्री सुशील कुमार ने 24 जून और 4 जुलाई को जनता दर्शन में शिक्षामित्रों की मांगों से जुड़ा मांग पत्र मुख्यमंत्री को दिया था। ये दोनों मांग पत्र आईजीआरएस पर अपलोड किए गए।

बेसिक शिक्षा विभाग से जवाब मांगा गया। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने 22 जुलाई को उस पत्र का जवाब दिया है। जवाब में उन्होंने लिखा है कि आपने शिक्षामित्रों के मानदेय में वृद्धि का अनुरोध किया है। इस संबंध में अवगत कराना है कि 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शासन ने शिक्षामित्रों को साल में 11 माह के लिए 10 हजार रुपये प्रतिमाह का मानदेय तय किया था। वह उनको दिया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के ही आदेश से शासन ने दो बार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में वेटेज देकर पात्र शिक्षामित्रों को समायोजित किया। उसके बाद फरवरी 2023 के शासनादेश के अनुसार 60 वर्ष की आयु में शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों की सेवाएं स्वत: समाप्त हो जाएंगी। ऐसे में आपका प्रकरण पोषणीय नहीं है।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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