दावे बेहिसाब, बच्चे आज भी पढ़ने को मजबूर हैं बिना किताब
सब पढ़ें-सब बढ़े, शिक्षा है अधिकार हमारा, हर बच्चा होगा शिक्षित तो देश बनेगा विकसित जैसे नारे आपको हर परिषदीय विद्यालयों के दीवारों पर लिखे दिख जाएंगे।
कानपुर देहात। सब पढ़ें-सब बढ़े, शिक्षा है अधिकार हमारा, हर बच्चा होगा शिक्षित तो देश बनेगा विकसित जैसे नारे आपको हर परिषदीय विद्यालयों के दीवारों पर लिखे दिख जाएंगे। इन नारों को हकीकत में बदलने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग में 22 से अधिक योजनाओं का संचालन करोड़ों के बजट से किया जा रहा है।
हकीकत यह है कि जिले के परिषदीय विद्यालयों में अधिकांश बच्चे बिन किताब के स्कूलों में जा रहे हैं। इसका खुलासा प्रेरणा पोर्टल से हुआ है। इन परिषदीय विद्यालयों में वर्तमान में करीब 1.40 लाख बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। खुलासा हुआ है कि स्कूल जा रहे इन बच्चों को सभी विषय की किताबें अभी तक नहीं मिलीं हैं, जबकि नए शिक्षा सत्र को शुरू हुए चार महीने से अधिक गुजर चुके हैं।
अब विद्यालयों में बांटी गईं किताबों का होगा सत्यापन-
परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को नि:शुल्क किताबें पढ़ने के लिए दी जाती हैं। अब विद्यालयों में बांटी गई किताबों का सत्यापन होगा। इसके लिए बीएसए अजय कुमार मिश्रा ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है। बीईओ सत्यापन करते हुए रिपोर्ट तैयार करेंगे। रिपोर्ट के आधार पर वितरण में किसी भी प्रकार की खामियां मिलने पर संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।