70 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले बच्चों को मिलेगा यात्रा भत्ता
दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शासन ने बड़ी पहल शुरू की है। अब बच्चों की शारीरिक कमी उनकी शिक्षा की राह में बाधा नहीं बनेगी। अभिभावक बच्चों को छोड़ने स्कूल जाएंगे।
- पीएम श्री योजनान्तर्गत डीबीटी माध्यम से विशिष्ट आवश्यकता वाले दिव्यांग बच्चों को भेजी जायेगी एस्कार्ट एलाउंस की धनराशि
राजेश कटियार, कानपुर देहात। दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शासन ने बड़ी पहल शुरू की है। अब बच्चों की शारीरिक कमी उनकी शिक्षा की राह में बाधा नहीं बनेगी। अभिभावक बच्चों को छोड़ने स्कूल जाएंगे। इसके बदले अभिभावकों को भत्ता भी दिया जाएगा। एस्कार्ट योजना के तहत दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को 6000 रुपये की धनराशि प्रतिवर्ष भत्ते के रूप में दी जाएगी। जिसे वह अपने बच्चे को स्कूल लाने ले जाने पर खर्च करेंगे। इसके लिए जनपदवार ग्रांट भी जारी कर दी गई है। दिव्यांग बच्चों को शिक्षित करने के लिए शासन लगातार प्रयास कर रहा है।
ऐसे बच्चों के लिए समेकित शिक्षा अभियान चलाया जा रहा है। इस योजना के तहत अभी तक बच्चों को ट्राई साइकिल या अन्य उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं जिससे वे स्कूल आ जा सकें वहीं जिले में ऐसे कई बच्चे हैं जो स्वयं उपकरणों के सहारे स्कूल आ-जा नहीं सकते। उनको स्कूल आने जाने के लिए किसी न किसी सहारे की आवश्यकता पड़ती है। बच्चों को उनके अभिभावकों को विद्यालय छोडने जाना पड़ता है। ऐसे में गरीब परिवारों पर बच्चों को स्कूल पहुंचाने का अतिरिक्त भार आ जाता है। शासन ने दिव्यांग बच्चों का भार उठाने का निर्णय लिया है। अब सरकार की ओर से उनको प्रतिवर्ष भत्ता दिया जाएगा। एस्कार्ट योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत अभिभावकों को साल में 6000 रुपये भत्ते के रूप में मिलेंगे जिससे वे अपने बच्चों को आसानी से स्कूल पहुंचा सके।
ऐसे मिलेगा भत्ता-
इस योजना के तहत 600 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से दस माह का भत्ता खाते में भेजा जाएगा। 70 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले बच्चे योजना के लिए पात्र माने जाएंगे। वहीं 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाली बालिकाओं को 200 रुपये देने का प्रावधान है।
ये बच्चें होंगे लाभान्वित-
नेत्रहीन, बौद्धिक दिव्यांग, सेरेब्रल पाल्सी एवं जापानी इंसेफलाइटिस से प्रभावित बच्चे खुद विद्यालय नहीं जा पाते हैं। साथ ही उन्हें किसी साधन की आवश्यकता होती है। साधन न होने की स्थिति में वह शिक्षा से दूर ही रहते हैं। उनका चयन किया जाएगा ताकि वह योजना से लाभान्वित हो सकें। बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार मिश्रा का कहना है कि दिव्यांग बच्चों को शिक्षित करने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। बच्चों को एस्कार्ट योजना से लाभांवित किया जाएगा ताकि अभिभावक इन बच्चों को स्कूल तक ला सकें। इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है।