विकास भवन में किसान दिवस का आयोजन, किसानों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण
जिलाधिकारी आलोक सिंह के मार्गदर्शन में अन्नदाता किसानों की समस्याओं के त्वरित निदान और केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित कृषक हित योजनाओं की जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्य विकास अधिकारी लक्ष्मी एन. की अध्यक्षता में किसान दिवस का आयोजन विकास भवन सभागार में किया गया।
कानपुर देहात : जिलाधिकारी आलोक सिंह के मार्गदर्शन में अन्नदाता किसानों की समस्याओं के त्वरित निदान और केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित कृषक हित योजनाओं की जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्य विकास अधिकारी लक्ष्मी एन. की अध्यक्षता में किसान दिवस का आयोजन विकास भवन सभागार में किया गया। मुख्य विकास अधिकारी ने किसानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आय में वृद्धि करने के लिए जागरूक किया और उनकी समस्याओं को सुना। ग्राम अरसदपुर और खजुहा के किसानों ने जल निकास की समस्या बताई, जबकि ग्राम नूरगज के किसानों ने जल भराव की समस्या उठाई। मुख्य विकास अधिकारी ने संबंधित खंड विकास अधिकारी को निरीक्षण कर समस्या का निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
किसान नेताओं ने साधन सहकारी समिति रनिया के बंद होने की शिकायत की, जिस पर सहायक आयुक्त और सहायक निबंधक सहकारिता ने बताया कि समिति निष्प्रयोज्य घोषित है। ग्राम चिरौरा के किसान रामसेवक ने अन्ना मवेशियों की समस्या उठाई, जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने टीम भेजने का आश्वासन दिया। ग्राम करसा में नाली सफाई और ग्राम निनाया में तालाब सफाई की मांग पर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया।
जिला कृषि अधिकारी डॉ. उमेश कुमार गुप्ता ने धान नर्सरी की तैयारी और नैनो उर्वरकों के लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। जिला कृषि अधिकारी डा0 उमेश कुमार गुप्ता द्वारा किसान दिवस की कार्यवाही प्रारम्भ करते हुए धान नर्सरी की तैयारी, नैनो उर्वरकों के प्रयोग से होने वाले लाभों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी । उनके द्वारा फसल बीमा योजना के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए अवगत कराया गया कि खरीफ मौसम अन्तर्गत धान उर्द ज्वार बाजरा अरहर तिल एवं मक्का की फसल अधिसूचित है। यदि किसी भी प्राकृतिक आपदा जैसे अतिवृष्टि, बाढ, जलभराव आदि के प्रकोप से फसलक्षति होती है तो किसानों द्वारा फसल बीमा कम्पनी के टोल फ्री नं0 14447 अथवा कृषि विभाग के किसी भी विकासखण्ड अथवा जनपद स्तरीय कार्यालय 72 घण्टे के अन्दर सूचना देनी होगी, सूचना प्राप्त होने पर नियमानुसार स्थलीय सत्यापन कराकर, क्षति का आंकलन कर बीमा कम्पनी द्वारा उनको क्षतिपूर्ति प्रदान की जायेगी, धान फसल हेतु व्यक्तिगत दावा स्वीकार नहीं किया जायेगा तथा धान की फसल क्षति होने पर ग्राम पंचायत स्तर पर राजस्व विभाग की क्राप कटिंग रिपोर्ट के आधार पर क्षतिपूर्ति प्रदान की जायेगी।
जिला कृषि अधिकारी द्वारा जनपद में कृषि निवेशों की उपलब्घता के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए खरीफ फसलों के प्रबन्धन के सम्बन्ध में चर्चा की गयी। कृषि विज्ञान केन्द्र दलीप नगर के कृषि वैज्ञानिक डा0 खलील खांन द्वारा खरीफ फसल प्रबन्धन एवं फसल सुरक्षा उपायों के सम्बन्ध में किसानों को जानकारी प्रदान की गयी। उनके द्वारा बाजरा में लगने वाले अरगट रोग, धान में लगने वाले गंधी कीट से बचाव के उपायो। जैव उर्वरक, राइजोवियम कल्चर आदि से होने वाले लाभों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी। डा0 खलील खान द्वारा उद्यान विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए सब्जी उत्पादन के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी।
उनके द्वारा ड्रिप /स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति से होने वाले लाभों एवं उन पर देय विभागीय अनुदान के सम्बन्ध में अवगत कराया गया। उप कृषि निदेशक राम बचन राम द्वारा किसान दिवस में आये किसानों को कृषि विभाग द्वारा संचालित विभागीय योजनाओं, कृषि यंत्रों पर देय अनुदान, सोलर फोटो वोल्टाईक इरीगेंशन पम्पों पर अनुदान एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी। उनके द्वारा फसल अवशेष प्रबन्धन के सम्बन्ध में जागरूक करते हुए अवगत कराया गया कि फसल अवशेष/पराली जलाने से जहॉ एक ओर पर्यावरणीय क्षति, मृदा स्वास्थ्य एवं मित्र कीटों पर कुप्रभाव पडता है वही दूसरी ओर फसलों एवं ग्रामों में अग्निकाण्ड होने की भी सम्भावना होती है। फसल अवशेष जलाने से मिट्टी के तापमान में वृद्धि होने से मृदा की भौतिक, रासायनिक एवं जैविक दशा पर विपरीत प्रभाव पडता है, मिट्टी में उपस्थित सूक्ष्म जीव नष्ट होते है जिससे जीवांश के अच्छी प्रकार से सडने में भी कठिनाई होती है।
पौधे जीवांश से ही पोषक तत्व लेते है तथा इससे फसलों के उत्पादन में मा0 सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा फसल अवशेष जलाये जाने पर पूर्णतः रोक लगाते हुए इस दण्डनीय अपराध की श्रेणी में रखा है तथा यदि किसी व्यक्ति द्वारा फसल अवशेष/पराली जलाने की घटना घटित की जाती है तो मा0 राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम की धारा-24 एवं 26 के अन्तर्गत उसके विरूद्ध पर्यावरण क्षतिपूर्ति हेतु 02 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए रु0 2500/- प्रति घटना, 02 से 05 एकड़ के लिए रु0 5000/- प्रति घटना और 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए रु0 15000/- प्रति घटना की दर से अर्थदण्ड वसूले जाने का प्राविधान है। उक्त के साथ-साथ उप कृषि निदेशक द्वारा किसानों को अवगत कराया गया कि कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों के माध्यम से वर्तमान समय में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि अन्तर्गत 5 प्रतिशत लाभार्थियों का रैण्डम आधार पर सत्यापन कार्य किया जा रहा है। किसान दिवस में आये किसानों को अवगत कराया गया कि विभाग द्वारा जनपद, विकासखण्ड एवं ग्राम स्तर कार्यक्रम आयोजित कर विभागीय योजनाओं को प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, इसी क्रम में इसी माह प्रत्येक विकासखण्ड एवं जनपद मुख्यालय कार्यालयों में 20 प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत प्रचार सीमेंट सीटों को स्थापित कराया गया है।
आयोजित किसान दिवस में कृषि विभाग, उद्यान, नलकूप, सहकारिता, मत्स्य विभाग, अग्रणी जिला प्रबन्धक के जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ साथ कृषि वैज्ञानिक, भारतीय किसान यूनियन (अराज0) के मण्डल अध्यक्ष रशीद अहमद आजाद व भारतीय किसान यूनियन (अराज0) के जिलाध्यक्ष आयुष सिंह राजावत के साथ-साथ जनपद के लगभग 85 किसानों द्वारा प्रतिभाग किया गया, अंत में जिला कृषि अधिकारी द्वारा मुख्य विकास अधिकारी की अनुमति से धन्यवाद ज्ञापित कर किसान दिवस के समापन की घोषणा की गयी।