बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम: बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी किए निर्देश
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने छात्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कड़े निर्देश जारी किए हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा जारी औपचारिक पत्र में सभी स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि किसी भी बच्चे के साथ शारीरिक या मानसिक दंड का प्रयोग बिल्कुल न किया जाए।
कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने छात्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कड़े निर्देश जारी किए हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा जारी औपचारिक पत्र में सभी स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि किसी भी बच्चे के साथ शारीरिक या मानसिक दंड का प्रयोग बिल्कुल न किया जाए। यह कदम निःशुल्क बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत बच्चों के सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
शिक्षा का भयमुक्त माहौल सुनिश्चित करने पर जोर
विभाग ने स्कूलों में एक ऐसे वातावरण के निर्माण पर जोर दिया है जहां बच्चे बिना किसी डर के सीख सकें। बच्चों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे किसी भी तरह के शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न की शिकायत बिना झिझक करें। इसके लिए हर स्कूल में एक शिकायत पेटिका लगाई जाएगी।
दंड पर सख्त प्रतिबंध और कानूनी कार्रवाई
बच्चों को शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताड़ित करने पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। शिक्षकों को बच्चों के साथ संवेदनशीलता से पेश आने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
सुरक्षा किट और आकस्मिक चिकित्सा व्यवस्था
स्कूलों में आकस्मिक चिकित्सा के लिए सुरक्षा किट रखना अनिवार्य कर दिया गया है। इस किट में डिटॉल, पट्टी, एंटीसेप्टिक क्रीम आदि शामिल होंगी।
बाल सुरक्षा समिति का गठन
हर स्कूल में बाल सुरक्षा समिति बनाई जाएगी जिसमें छात्र और छात्राएं भी शामिल होंगी। यह समिति बच्चों की सुरक्षा और स्कूल में होने वाली घटनाओं पर नजर रखेगी।
शिकायतों के लिए टोल-फ्री नंबर
बच्चों या अभिभावकों द्वारा दर्ज शिकायतों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किया गया टोल-फ्री नंबर (1800-889-3277) उपलब्ध रहेगा।
बेसिक शिक्षा अधिकारी का बयान
बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि ये निर्देश सभी स्कूलों को बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित करेंगे।