चकिया: बियासड़ गांव में मनरेगा के तहत भ्रष्टाचार, मौके पर मजदूरों की संख्या शून्य, कागजों में 50 कर रहें कार्य, मनरेगा साइट पर अपडेट की गई मजदूरों के फोटो में दिख रहा है गेंहू का सूखा डाठ, तो दूसरी फोटो में गेहूं की खड़ी फसल…..DC साहब कब होगी कार्रवाई….. प्रतिदिन 11850 का हो रहा गबन…..
चकिया: बियासड़ गांव में मनरेगा के तहत भ्रष्टाचार, मौके पर मजदूरों की संख्या शून्य, कागजों में 50 कर रहें कार्य, मनरेगा साइट पर अपडेट की गई मजदूरों के फोटो में दिख रहा है गेंहू का सूखा डाठ, तो दूसरी फोटो में गेहूं की खड़ी फसल…..DC साहब कब होगी कार्रवाई….. प्रतिदिन 11850 का हो रहा गबन…..
-इस भ्रटाचार पर नहीं जा रही स्थानीय विकास खंड के अधिकारियों की ध्यान
-शासन के खजाने में यह भ्रष्टाचारी लगा रहे हैं जमकर सेंध
चकिया,चंदौली। स्थानीय विकास खंड अंतर्गत बियासड़ गांव में मनरेगा के तहत कार्य कराए जा रहे हैं। जहां मौके पर मजदूरों की संख्या शून्य है, लेकिन कागजों में 50 मजदूर बुधवार को कार्य करते देखे गए। जिससे भ्रष्टाचार की खुलेआम रास्ते बनाए जा रहे हैं। यह भ्रष्टाचार ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक मिलकर करने पर उतारू है। इनको न तो स्थानीय विकास खंड के अधिकारियों का डर है न ही जिले के। मनमाने तरीके से मनरेगा में भ्रष्टाचार मचाते हुए धन की बंदरबाट करने में तुले हुए हैं। यही नहीं गांव का जो व्यक्ति गांव से बाहर है व मनरेगा में कार्य नहीं करता है उसका भी हाजिरी मनरेगा साइट पर देखने को मिल रही है। यही नहीं साइट पर अपलोड की गई फोटो में कहीं सूखा गेहूं का डाठ दिख रहा है तो वहीं हरी गेहूं की खड़ी फसल। अब देखना है कि जिम्मेदार कार्रवाई करते हैं या नहीं।
बता दें कि केंद्र व प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए जहां तरह-तरह के उपाय रच रही है, तो वहीं कुछ भ्रष्टाचारी भ्रष्टाचार करने के लिए भी तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हुए दिख रहे हैं। स्थानीय विकास खंड के बियासड़ गांव में मनरेगा के तहत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इस भ्रष्टाचार पर विकास खंड के जिम्मेदार अधिकारियों की नजर भी नहीं जा रही है। मनरेगा में काम न करने वाले व्यक्तियों का भी मनरेगा साइट पर प्रतिदिन हाजिरी दी जा रही है। मौके पर मजदूरों की संख्या शून्य है, फिर भी कागजों में 50 मजदूर बियासड़ ग्राम पंचायत में बुधवार को कार्य करते देखे गए। बियासड़ ग्राम पंचायत में 1 कार्यों पर 5 मस्टररोल निकाला गया है, जिसमें 50 मजदूर को कार्य कर रहे थे। जिससे खुलेआम साबित हो रहा है कि ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक मिलकर मनरेगा में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने पर उतारू हैं। समय रहते इसकी जांच स्थानीय विकास खंड के अधिकारी नहीं करते हैं तो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को अंजाम देने में यह भ्रष्टाचारी पीछे नहीं हटेंगे। मनरेगा मजदूरों की एक दिन की मजदूरी 237 रुपए है, इस हिसाब से देखा जाए तो गांव में 50 मजदूर काम कर रहे हैं, प्रति मजदुर के हिसाब से हिसाब लगाया जाए तो प्रतिदिन का 11850 रुपए का गबन प्रतिदिन किया जा रहा है।
वर्जन-
डीसी मनरेगा चंदौली ने बताया कि इस तरह का मामला है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।