9 करोड़ किसानों को 18 हजार करोड़ ट्रांसफर, PM मोदी ने कहा- पहले की सरकारों की नीतियों की वजह से छोटा किसान हुआ बर्बाद
दिल्ली की सीमाओं पर किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर पिछले चार हफ्तों से प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार का दावा है कि ये तीनों कानून किसानों के हित में हैं.
“किसानों की खुशी में ही मेरी खुशी”
देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘किसानों के जीवन मे खुशी, हम सभी के जीवन में खुशी बढ़ा देती है. आज का दिवस तो बहुत ही पावन भी है. किसानों को आज जो सम्मान निधि मिली है, उसके साथ ही आज का दिन कई अवसरों का संगम बनकर भी आया है.’
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘मुझे आज इस बात का अफसोस है कि पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है. बंगाल के 23 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं. लेकिन राज्य सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को इतने लंबे समय से रोक रखा है.’
विपक्ष पर हमला करते हुए मोदी ने कहा, ‘स्वार्थ की राजनीति करने वालों को जनता बहुत बारीकी से देख रही है. जो दल पश्चिम बंगाल में किसानों के अहित पर कुछ नहीं बोलते वो दल यहां किसान के नाम पर दिल्ली के नागरिकों को परेशान करने में लगे हुए हैं, देश की अर्थनीति को बर्बाद करने में लगे हुए हैं. जो लोग 30-30 साल तक बंगाल में राज करते थे, एक ऐसी राजनीतिक विचारधारा को लेकर उन्होंने बंगाल को कहां से कहां लाकर खड़ा कर दिया है, ये सारा देश जानता है.’
“केरल में आंदोलन करके वहां तो APMC चालू करवाओं..”
पीएम मोदी अपने संबोधन के दौरान विपक्ष पर जमकर बरसे हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं इन दलों से पूछता हूं कि यहां फोटो निकालने के कार्यक्रम करते हो, जरा केरल में आंदोलन करके वहां तो APMC चालू करवाओं. पंजाब के किसानों को गुमराह करने के लिए आपके पास समय है, केरल में यह व्यवस्था शुरू कराने के लिए आपके पास समय नहीं है. क्यों आप लोग दोगली नीति लेकर चल रहे हो.’
पीएम मोदी ने आगे कहा, “किसानों के नाम पर अपने झंडे लेकर जो खेल खेल रहे हैं, अब उनको सच सुनना पड़ेगा. ये लोग अखबार और मीडिया में जगह बनाकर, राजनीतिक मैदान में खुद के जिंदा रहने की जड़ी- बूटी खोज रहे हैं. ये वही लोग हैं जो वर्षों तक सत्ता में रहें. इनकी नीतियों की वजह से देश की कृषि और किसान का उतना विकास नहीं हो पाया जितना उसमें सामर्थ्य था. पहले की सरकारों की नीतियों की वजह से सबसे ज्यादा बर्बाद छोटा किसान हुआ.”
पीएम मोदी के संबोधन की अन्य बातें-
- आप न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर अपनी उपज बेचना चाहते हैं? आप उसे बेच सकते हैं. आप मंडी में अपनी उपज बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं. आप अपनी उपज का निर्यात करना चाहते हैं ? आप निर्यात कर सकते हैं. आप उसे व्यापारी को बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं.
- हमने इस लक्ष्य पर भी काम किया की देश के किसान के पास खेत में सिंचाई की पर्याप्त सुविधा हो. हम दशकों पुरानी सिंचाई योजनाओं को पूरा करने के साथ ही देशभर में Per Drop-More Crop के मंत्र के साथ माइक्रो इरीगेशन को भी बढ़ावा दे रहे हैं.
- हम इस दिशा में भी बढ़े कि फसल बेचने के लिए किसान के पास सिर्फ एक मंडी नहीं बल्कि नए बाजार हो. हमने देश की एक हजार से ज्यादा कृषि मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा. इनमें भी एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार हो चुका है.
- इन कृषि सुधार के जरिए हमने किसानों को बेहतर विकल्प दिए हैं. इन कानूनों के बाद आप जहां चाहें जिसे चाहें अपनी उपज बेच सकते हैं. आपको जहां सही दाम मिले आप वहां पर उपज बेच सकते हैं.
आपको बता दें, पीएम-किसान योजना के तहत हर साल तीन किस्तों में किसानों के खातों में 6000 रुपये भेजे जाते हैं. 2,000 रुपये की राशि तीन किस्तों में भेजी जाती है. इसी योजना के तहत आज पीएम मोदी ने 9 करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए. यह कार्यक्रम ऐसे समय हुआ, जब दिल्ली की सीमाओं पर किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर पिछले कुछ हफ्तों से प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार का दावा है कि ये तीनों कानून किसानों के हित में हैं.