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ममता की पुकार: जिलाधिकारी ने बेघर मां को दिलाया घर, बेटे को लगाई फटकार

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान एक हृदयस्पर्शी मामले में हस्तक्षेप किया। वृद्ध महिला सुमन देवी ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके बेटे कृष्ण मुरारी ने न केवल उनके साथ दुर्व्यवहार किया, बल्कि उन्हें घर से भी निकाल दिया।

Story Highlights
  • जिलाधिकारी ने दिखाई संवेदनशीलता, बेटे को माफी मांगने पर किया मजबूर
  • घर वापस पाकर वृद्ध महिला की खुशी का ठिकाना नहीं, जिलाधिकारी की मानवता की हुई सराहना

कानपुर नगर: जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान एक हृदयस्पर्शी मामले में हस्तक्षेप किया। वृद्ध महिला सुमन देवी ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके बेटे कृष्ण मुरारी ने न केवल उनके साथ दुर्व्यवहार किया, बल्कि उन्हें घर से भी निकाल दिया।

वृद्धा ने बताया कि जब वह वृंदावन धाम के दर्शन करने गई थीं, तो उनके बेटे ने घर का ताला तोड़कर उस पर अपना ताला लगा दिया। इस अन्याय के खिलाफ उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जहां न्यायालय ने मामले को जिलाधिकारी, कानपुर नगर को संदर्भित किया।

5 फरवरी 2025 को सुमन देवी ने जिलाधिकारी के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराई। जिलाधिकारी ने तत्परता दिखाते हुए मां और बेटे दोनों को आज कलेक्ट्रेट में तलब किया। सुनवाई के दौरान जिलाधिकारी ने महिला के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और बेटे को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने बेटे को अपनी मां से तत्काल माफी मांगने का आदेश दिया।

बेटे को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह अपनी मां के चरणों में गिर पड़ा, क्षमा याचना करने लगा। जिलाधिकारी ने बेटे को नैतिकता का पाठ पढ़ाया और उसे उसकी निंदनीय हरकत के लिए जमकर फटकारा। इससे वह लज्जित और शर्मिंदा हुआ।

जिलाधिकारी ने केवल माफी मांगने तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि महिला को उसका घर वापस मिले। उन्होंने बेटे से माफीनामा लिखवाया और एसीएम-7 सुरेंद्र बहादुर व पुलिस बल को महिला के घर भेजकर ताला खुलवाया, जिससे महिला को घर में प्रवेश मिल गया।

यह उल्लेखनीय है कि दोषी बेटा तहसीलदार सदर कार्यालय में प्राइवेट नौकरी करता है। जिलाधिकारी को इस बात की जानकारी नहीं थी। बेटे ने बार-बार कहा कि वह सरकारी काम करता है, लेकिन जिलाधिकारी ने उसका पक्ष न लेते हुए उसे चेतावनी दी कि अगर वह दोबारा ऐसी हरकत करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उसे जेल भेज दिया जाएगा।

इस घटना ने जिलाधिकारी के मानवीय और कर्तव्यनिष्ठ चेहरे को उजागर किया है। उन्होंने न केवल एक वृद्ध महिला को न्याय दिलाया, बल्कि एक बेटे को भी अपनी गलती का एहसास कराया और उसे सुधरने का मौका दिया।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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