रनियां: खानचंद्रपुर में पेयजल संकट, पाइपलाइन लीकेज से बर्बाद हो रहा पानी
रनिया नगर पंचायत के खानचंद्रपुर गांव में पेयजल आपूर्ति की भूमिगत पाइपलाइन पिछले दो महीने से लीकेज का शिकार है। नगर पंचायत ने इसे दो बार ठीक कराया, लेकिन हर बार कुछ ही दिनों में दोबारा लीकेज शुरू हो गया।

- दो महीने से बार-बार टूट रही लाइन, ग्रामीण मजबूरी में पी रहे क्रोमियम युक्त हैंडपंप का पानी
कानपुर देहात। रनिया नगर पंचायत के खानचंद्रपुर गांव में पेयजल आपूर्ति की भूमिगत पाइपलाइन पिछले दो महीने से लीकेज का शिकार है। नगर पंचायत ने इसे दो बार ठीक कराया, लेकिन हर बार कुछ ही दिनों में दोबारा लीकेज शुरू हो गया। इससे हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है और गांव में शुद्ध पेयजल का संकट गहरा गया है। ग्रामीण मजबूरी में क्रोमियम युक्त हैंडपंपों से पानी पीने को विवश हैं।
क्रोमियम प्रदूषण और पेयजल की बदहाली
खानचंद्रपुर और आसपास के गांवों (चौहान पूर्व, पाल पूर्व, यादव पूर्व, शिवनाथ पुरवा) में अवैध रूप से डंप क्रोमियम वेस्ट ने भूजल को प्रदूषित कर दिया है। खानचंद्रपुर में हालात सबसे खराब हैं। एनजीटी के आदेश पर कई हैंडपंप उखाड़े गए थे, लेकिन अभी भी 29 हैंडपंप मौजूद हैं, जिन पर चेतावनी लिखी है। इसके बावजूद बच्चे और जानवर इस पानी का उपयोग कर रहे हैं। शुद्ध पेयजल के लिए 1000 लीटर की ओवरहेड टंकी बनाई गई और 1 किलोमीटर दूर चौहान पूर्व से पाइपलाइन के जरिए पानी लाया गया, लेकिन लीकेज ने इस व्यवस्था को बेकार कर दिया।
बार-बार लीकेज, नगर पंचायत की लापरवाही
दो महीने पहले शुरू हुआ लीकेज 10 दिन बाद ठीक किया गया, लेकिन 5 दिन में फिर टूट गया। दूसरी बार मरम्मत में 17 दिन लगे, और दो दिन बाद ही पाइपलाइन फिर लीक हो गई। अब सड़कों पर पानी बह रहा है और घरों की टोटियों तक न के बराबर पानी पहुंच रहा है। मजबूरी में लोग प्रदूषित हैंडपंपों का पानी इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य जोखिम बढ़ गया है। ग्रामीणों का कहना है कि नगर पंचायत की लापरवाही उनकी जान से खिलवाड़ कर रही है।
अधिशासी अधिकारी का आश्वासन
नगर पंचायत रनिया के अधिशासी अधिकारी मनीष राय ने कहा, “लीकेज को ठीक कराया गया था। दोबारा लीकेज की जानकारी मिली है, इसे जल्द ही दुरुस्त कराया जाएगा।” हालांकि, ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार मरम्मत के बावजूद स्थायी समाधान नहीं हो रहा। यह समस्या अब प्रशासन के लिए चुनौती बन गई है, और गांव में शुद्ध पेयजल की मांग तेज हो रही है।
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