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गौरव राजपूत का अनूठा प्रयास: स्कूल में उमड़ी बच्चों की किलकारियां, शिक्षा की जगी नई आस

विकास खण्ड झींझक के हृदय में स्थित प्राथमिक विद्यालय चक्केपुरवा एक नई शैक्षिक जागृति का केंद्र बन गया। यहां आयोजित शिक्षक-अभिभावक उन्नयन संगोष्ठी ने शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और अधिक से अधिक बच्चों को विद्यालय से जोड़ने के एक साझा संकल्प को जन्म दिया। इस महत्वपूर्ण बैठक में क्षेत्र के प्रतिष्ठित नागरिकों और सैकड़ों जागरूक अभिभावकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।

Story Highlights
  • एआरपी कार्यकाल समाप्त कर लौटे शिक्षक ने बदली तस्वीर
  • जरूरतमंद बच्चों को शिक्षण सामग्री का वितरण
  • अभिभावकों का मिला साथ, शिक्षा की गुणवत्ता पर अब पूरा ध्यान

संदलपुर, कानपुर देहात: विकास खण्ड झींझक के हृदय में स्थित प्राथमिक विद्यालय चक्केपुरवा एक नई शैक्षिक जागृति का केंद्र बन गया। यहां आयोजित शिक्षक-अभिभावक उन्नयन संगोष्ठी ने शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और अधिक से अधिक बच्चों को विद्यालय से जोड़ने के एक साझा संकल्प को जन्म दिया। इस महत्वपूर्ण बैठक में क्षेत्र के प्रतिष्ठित नागरिकों और सैकड़ों जागरूक अभिभावकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।

ब्लॉक अध्यक्ष दिनेश कुशवाहा ने अपने ओजस्वी संबोधन में शिक्षकों को समाज और राष्ट्र का शिल्पकार बताया। उन्होंने शिक्षकों से पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का आग्रह किया। संगोष्ठी का मुख्य एजेंडा परिषदीय विद्यालयों में छात्रों की संख्या में वृद्धि करना था, जिस पर उपस्थित सभी हितधारकों ने खुलकर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया।

वरिष्ठ प्रधानाध्यापक आमोद द्विवेदी ने संगोष्ठी के मूल उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि इसका प्राथमिक लक्ष्य बच्चों की शिक्षा की नींव को मजबूत करना और उनकी राह में आने वाली चुनौतियों का समाधान करना है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि कई अभिभावक शिक्षा के महत्व को पूरी तरह से नहीं समझते हैं, जिसके कारण वे अपने बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय नहीं भेजते और उन्हें घरेलू कार्यों में व्यस्त रखते हैं।

शिक्षक गौरव राजपूत ने एक व्यावहारिक समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया कि कई बच्चे कॉपी, रबर, कटर, पेन, पेंसिल और बैग जैसी बुनियादी शिक्षण सामग्री के अभाव में विद्यालय आने से कतराते हैं, जिससे उनकी शिक्षा अधूरी रह जाती है। इस बाधा को दूर करने के लिए विद्यालय ने ग्रामीण शिक्षा उत्थान एवं मानव सेवा समिति के साथ मिलकर एक सराहनीय पहल की है। समिति के सहयोग से प्रत्येक जरूरतमंद बच्चे को यह आवश्यक शिक्षण सामग्री प्रदान की गई है। शिक्षक राजपूत ने दृढ़ संकल्प व्यक्त किया कि अब विद्यालय का संपूर्ण ध्यान बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षण अनुभव प्रदान करने पर केंद्रित होगा।

विद्यालय के अनुभवी शिक्षक अशोक कुमार ने आत्मविश्वास से कहा कि विद्यालय परिवार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा कि उनके छात्र प्राइवेट स्कूलों के छात्रों से भी बेहतर शिक्षा, उच्च नैतिक मूल्यों और स्वस्थ जीवनशैली के सिद्धांतों को आत्मसात करें।

अभिभावक नरेंद्र प्रताप राजपूत ने विद्यालय में आए सकारात्मक बदलावों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। उन्होंने विशेष रूप से शिक्षक गौरव राजपूत की विद्यालय में वापसी को छात्रों के लिए वरदान बताया, जिसके परिणामस्वरूप न केवल छात्रों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, बल्कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी मिल रही है।

इस प्रेरणादायक अवसर पर ग्रामीण शिक्षा उत्थान एवं मानव सेवा समिति के कर्मठ संस्थापक महेन्द्र वर्मा, ऊर्जावान एनपीआरसी दिनेश कुशवाहा, समर्पित महामंत्री विजय माथुर, दुर्गेन्द शुक्ला, अशोक कुमार, आशीष कुमार, रामदुलारे पाल, जागरूक अभिभावक नरेन्द्र राजपूत, विनय यादव, सोनू सिंह कुशवाहा, मनोज श्रीवास्तव, शिक्षक गौरव राजपूत, विजय राजपूत, प्रदीप तिवारी, रवि और शशिप्रकाश द्विवेदी सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिन्होंने शिक्षा के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया। यह संगोष्ठी चक्केपुरवा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जहाँ शिक्षक, अभिभावक और समुदाय मिलकर बच्चों के उज्जवल भविष्य की नींव रख रहे हैं।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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