लखनऊ में मंत्रिमंडल की बैठक, 10 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मिली मंजूरी; शिक्षामित्रों-अनुदेशकों को फिर निराशा
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्यहित से जुड़े 10 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

- योगी कैबिनेट का बड़ा फैसला: ऑपरेशन सिंदूर पर अभिनंदन प्रस्ताव, चौधरी चरण सिंह के नाम पर बनेगा सीड पार्क
लखनऊ/कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्यहित से जुड़े 10 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इस बैठक में हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर अभिनंदन प्रस्ताव पारित किया गया, जो सुरक्षा बलों और शहीदों के प्रति राज्य सरकार के सम्मान को दर्शाता है।
बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर आधुनिक सीड पार्क की स्थापना है। यह पार्क लखनऊ में 130.63 एकड़ भूमि पर 251.70 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य प्रदेश में उन्नत बीज उत्पादन को बढ़ावा देना है।
अमृत योजना के तहत नगरीय निकायों को वित्तीय राहत देते हुए, अमृत योजना-1 में शामिल 7 नगरीय निकायों के निकाय अंश के रूप में 90 करोड़ रुपये माफ किए गए। दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति 2022 में संशोधन को मंजूरी दी गई, जिसके तहत नई दुग्ध प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना पर 35 फीसदी पूंजीगत अनुदान मिलेगा।
औद्योगिक विकास विभाग ने आरसीसीपीएल रायबरेली को सब्सिडी में सुधार और जेके सीमेंट प्रयागराज, मून बेवरेजेस हापुड़, सिल्वर पल्प & पेपर मुजफ्फरनगर, ग्लोबल स्प्लिट्स लखीमपुर और चांदपुर एंटरप्राइजेज को निवेश की स्वीकृति दी है।
ग्रामीण क्षेत्र की ग्राम सभा बैठकों में खर्च होने वाले फंड को बढ़ावा देने और पंचायती राज विभाग के अंतर्गत पंचायत उत्सव भवनों के नामकरण के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। नागरिक उड्डयन निदेशालय में संविदा पर कार्यरत पायलट, को-पायलट, इंजीनियर और अन्य तकनीकी/गैर-तकनीकी स्टाफ के पारिश्रमिक पुनर्निधारण और सातवें वेतन आयोग के अनुरूप वेतनमान देने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिली।
हालांकि, इस बैठक में प्राथमिक विद्यालयों में संविदा पर कार्यरत शिक्षामित्रों और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में संविदा पर कार्यरत अनुदेशकों के मानदेय में बढ़ोतरी पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को उम्मीद थी कि उनके मानदेय में ढाई गुना बढ़ोतरी होगी, लेकिन कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे पर कोई चर्चा तक नहीं हुई। इससे शिक्षामित्रों और अनुदेशकों में एक बार फिर निराशा छा गई है। योगी सरकार के इस बजट में भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली है।
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