स्कूल मर्जिंग योजना के विरोध में यूटा ने विधायक को सौंपा ज्ञापन
यूपी में स्कूलों के विलय करने के निर्णय का विरोध दिन प्रतिदिन तेज होता जा रहा है। शिक्षकों ने जनप्रतिनिधियों से इस पर समर्थन मांगा है।

राजेश कटियार,कानपुर। यूपी में स्कूलों के विलय करने के निर्णय का विरोध दिन प्रतिदिन तेज होता जा रहा है। शिक्षकों ने जनप्रतिनिधियों से इस पर समर्थन मांगा है। उनका कहना है कि स्कूल में कम नामांकन होने पर संसाधन व शिक्षक भेजने की जरूरत है ना कि स्कूल खत्म करने की। इसके तहत यूटा ने आज आर्य नगर विधानसभा के विधायक अमिताभ बाजपेई को ज्ञापन देकर इस निर्णय को रोकने की मांग की। साथ ही सीएम तक अपनी बात पहुंचाने का अनुरोध किया।
शिक्षक संगठन यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के कानपुर देहात इकाई के जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने कहा कि किसी स्कूल में कम नामांकन है तो वहां संसाधन व शिक्षक भेजने की आवश्यकता है न कि उस विद्यालय को बंद करना न्यायसंगत है। स्कूल विलय करने से शैक्षिक असमानता व बालिकाओं के ड्रॉपआउट में बढ़ोतरी होगी। कानपुर देहात जनपद में 50 से कम छात्र संख्या वाले कई सैकड़ा स्कूल हैं। इन्हें मर्ज करने से गरीब घरों के बच्चे प्राथमिक शिक्षा से ही वंचित हो जाएंगे। इन स्कूलों के मर्ज होने पर अभिभावक शायद ही अपने बच्चों को 2 से 4 किलोमीटर दूर पढ़ने भेजेंगे। महामंत्री शिव गोविंद ने बताया कि आरटीई एक्ट के तहत 6 से 14 वर्ष के बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा देने का प्रावधान है। नई व्यवस्था लागू करने से गांव में विद्यालयों के अभाव में बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। मर्जर प्रकिया का भविष्य में नकारात्मक प्रभाव दिखाई देगा।
उपरोक्त कथनों को विधायक द्वारा ध्यानपूर्वक सुना गया व आश्वासन दिया गया कि इस मुद्दे को शासन के समक्ष मजबूती से रखा जाएगा और इस अव्यवहारिक आदेश को निरस्त कराने का प्रयास किया जाएगा। इस मौके पर यूटा संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुशील कुमार, कोषाध्याय संदीप कुमार, अमित मिश्रा, प्रदीप कुमार, आशुतोष यादव, धर्मेंद्र कुमार, मनोज कुमार कमल, श्रवण सिंह, रवि, सचिन, अतुल यादव, मनोज कुमार, सचिन सचान, नानक चंद्र, अतुल यादव, कुलदीप शर्मा, परमीत कुमार एवं अन्य कई शिक्षक व पदाधिकारी उपस्थित रहे।
Discover more from अमन यात्रा
Subscribe to get the latest posts sent to your email.