परिवहन मंत्री के आदेश की अनदेखी: कानपुर देहात का बस स्टैंड बना ‘सफेद हाथी’
इटावा से आने वाली बसें हाईवे से निकल रहीं, यात्री परेशान

- कानपुर देहात में बस स्टैंड परिवहन मंत्री के आदेश के बावजूद निष्क्रिय।
- इटावा से आने वाली बसें बस स्टैंड पर नहीं रुकतीं, सीधे हाईवे से निकल जाती हैं।
- करोड़ों की लागत से बना बस स्टैंड यात्रियों के लिए बेकार साबित हो रहा है।
- शाम 7 बजे के बाद कानपुर या इटावा जाने के लिए कोई बस सेवा उपलब्ध नहीं है।
शाम 7 बजे के बाद नहीं मिलती कोई बस, जनता को हो रही भारी असुविधा
सुशील त्रिवेदी, कानपुर देहात: कानपुर देहात को भले ही अपने अलग अस्तित्व पर गर्व हो, लेकिन आज भी यहां की जनता सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को लेकर भारी परेशानी झेल रही है। परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह जैसे कद्दावर नेता के आदेश का भी उनके विभाग पर कोई असर नहीं दिख रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है अकबरपुर का करोड़ों की लागत से बना बस स्टैंड, जो एक सफेद हाथी बनकर रह गया है।
बस स्टैंड से दूर बसें
इटावा की तरफ से आने वाली सभी सरकारी बसें ओवरब्रिज से होकर सीधे निकल जाती हैं। यात्री, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, घंटों बस स्टैंड पर इंतजार करते रहते हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। यह स्थिति तब है जब परिवहन मंत्री ने 21 जून 2025 को पंडित संतोष शुक्ला बस स्टैंड का लोकार्पण करते समय खुद यह वादा किया था कि सभी बसें इसी स्टैंड से होकर जाएंगी।
शाम 7 बजे के बाद बंद हो जाती हैं सेवाएं
सबसे बड़ी समस्या शाम 7 बजे के बाद आती है। अगर किसी को कानपुर या इटावा जाना हो, तो उसके पास कोई सार्वजनिक बस सेवा उपलब्ध नहीं होती। लोगों को मजबूरन निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ता है, जिससे जोखिम बढ़ जाता है। हालांकि कुछ सीएनजी बसें कानपुर-अकबरपुर रूट पर चलाई गई हैं, लेकिन वे भी शाम 6 बजे के बाद खड़ी हो जाती हैं।
यह स्थिति कानपुर देहात में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था की गंभीर लापरवाही को उजागर करती है। जनता का कहना है कि जब खुद परिवहन मंत्री के आदेशों का पालन नहीं हो रहा, तो आम नागरिकों की समस्या कौन सुनेगा।
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