टीईटी अनिवार्यता खत्म किए जाने की मांग को लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ ने एसडीएम सदर को सौंपा ज्ञापन
संगठन का कहना है कि टीईटी अनिवार्यता से पुराने शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है।

राजेश कटियार,कानपुर देहात। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (संबद्ध अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ) ने टीईटी अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री, बेसिक शिक्षा मंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। संगठन का कहना है कि टीईटी अनिवार्यता से पुराने शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। उत्तर प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा टीईटी परीक्षा पास करना अनिवार्य किए जाने के फैसले के विरोध में बुधवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने कलेक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन कर एसडीएम सदर को ज्ञापन सौंपा।
संगठन ने जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री व बेसिक शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजा है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष एल बी सिंह ने कहा कि यह फैसला पूरी तरह से अव्यावहारिक है। आरटीई एक्ट लागू होने से पहले नियुक्त शिक्षकों ने तत्कालीन मानकों को पूरा किया था। अब नए सिरे से टीईटी की बाध्यता लागू करना उचित नहीं है। एक महिला शिक्षिका ज्योति शिखा मिश्रा ने चिंता जताई कि इंटर पास शिक्षक दो साल में स्नातक और टीईटी कैसे पास करेंगे।
कई शिक्षक तो मृतक आश्रित पर नौकरी कर रहे हैं और 2 साल का समय दिया गया ऐसे में स्नातक, बीटीसी/डीएलएड/ बीएड किए बिना टीईटी कैसे कर पाएंगे। एक अन्य शिक्षक रामेंद्र सिंह ने कहा कि पुराने समय में इंटर एवं स्नातक में 50 फीसदी अंक अर्जित कर पाना आसान नहीं था कई शिक्षकों का अंक प्रतिशत कम है वह टेट का फॉर्म ही नहीं डाल पाएंगे तो वह टेट कहां से पास करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने हम सभी पर अव्यवहारिक आदेश थोपा है। सरकार को नियमावली बनाकर इस आदेश को निरस्त करना चाहिए। डेरापुर संगठन ब्लॉक मंत्री सुरेश राठौर ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम में शिक्षक नियुक्त होने अथवा पदोन्नति हेतु टेट उत्तीर्णिता को अनिवार्य किया गया था।
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जिसमें अधिनियम लागू होने से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को भी टेट उत्तीर्ण होना अनिवार्य होने से संबंधित कोई आदेश दिशा निर्देश नहीं था, न हीं भारत सरकार अथवा किसी राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में कोई कार्यवाही की गई थी परंतु हाल में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गलत तथ्यों के आधार पर यह आदेश जारी किया गया है कि देश में शिक्षक बने रहने के लिए टेट उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। जिसमें मात्र 5 साल की सेवा बचे लोगों को छूट दी गई है परंतु पदोन्नति में उन्हें भी छूट नहीं दी गई है।
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जिससे प्रदेश के लगभग 8 लाख शिक्षक/शिक्षिकाओं की नौकरी, प्रोन्नत पर खतरा उत्पन्न हो गया है वहीं टेट उत्तीर्ण करने हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 2 वर्षों का समय दिया गया है। ऐसे में प्रदेश के वरिष्ठ शिक्षक/शिक्षिकाओं को टेट उत्तीर्ण होना संभव प्रतीत नहीं होता है। सरकार उक्त मामले में हस्तक्षेप कर अधिनियम में आवश्यक संशोधन कर शिक्षक/शिक्षिकाओं को टेट उत्तीर्ण की अनिवार्यता से मुक्त करे।
शिक्षक संगठन के लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर हमारी मांग नहीं पूरी हुई तो हम लोग आने वाले दिनों में बहुत बड़ा आंदोलन करेंगे जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।
आज के ज्ञापन कार्यक्रम में संगठन के जिला मंत्री अशोक कुमार शुक्ला ,जिला कोषाध्यक्ष देवेंद्र सिंह सचान ,जिला उपाध्यक्ष रामनिवास तिवारी रामसेवक पाल मनजीत सिंह सचान , अटेवा के जिला संयोजक प्रदीप यादव ,मीडिया प्रभारी अनंत त्रिवेदी ,ज्योति शिखा मिश्रा यूटा के जिला अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ,जिला मंत्री शिव गोविंद सिंह ,जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अजय यादव, विशिष्ट बीटीसी के जिला अध्यक्ष राहुल सुमन ,जिला मंत्री धीरेंद्र कुशवाहा ,जूनियर शिक्षक संघ की शैलेश त्रिपाठी ,रामेंद्र सिंह सहित प्राथमिक शिक्षक संघ के सभी ब्लॉक अध्यक्ष राजेश यादव ,आशीष राजपूत ,मुकेश बाजपेई, अजीत कटिहार ,सतीश यादव ,सुशील द्विवेदी, महेंद्र कटियार ,सुरेश कमल ,सभी ब्लॉक मंत्री अखिलेश मिश्रा ,सुरेश राठौड़ ,शशिकांत यादव, मीरा सोनकर , प्रवीण अवस्थी ,मोहम्मद साबिर दुर्गेश सिंह ,अनिल कुमार सिंह महेंद्र प्रताप सिंह सुरेंद्र कटियार सुधीर मिश्रा मोहम्मद खालिद महेंद्र प्रताप सिंह ज्ञान प्रकाश मिश्रा, जय श्री अवस्थी रचना यादव ,कोमल गुप्ता, उमा सचान अरुणा , किरण गौतम , दीप्ति त्रिवेदी ,दीपिका यादव ,पूजा शर्मा अलका शैलेंद्र सिंह रामेंद्र सिंह, रामनरेश मनीस अरोड़ा अनूप अवस्थी कृष्ण चंद्र मिश्रा शैलेंद्र यादव दिलीप अवस्थी, के.वी .अग्निहोत्री सहित भारी संख्या में शिक्षक व शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।
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