अकबरपुर की ऐतिहासिक रामलीला 18 सितंबर को 155 वे वर्ष में करेगी प्रवेश
यहां अयोध्या पुरी, जनक पुरी लंका पुरी,चित्र कूट में होता है मंचन

- अकबरपुर की ऐतिहासिक रामलीला अपने 155वें वर्ष में प्रवेश कर रही है।
- रामलीला का आयोजन 18 सितंबर से 9 अक्टूबर तक किया जाएगा।
- यह आयोजन पूरी तरह संत तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस पर आधारित है।
- विजयादशमी के दूसरे दिन विशाल दंगल का भी आयोजन किया जाएगा।
- मीना बाजार, झूले और विभिन्न स्टॉल जैसी कई अन्य व्यवस्थाएं भी की जाएंगी।
9 अक्तूबर को समापन के पूर्व होंगे अनेक भव्य समारोह आयोजित
सुशील त्रिवेदी,कानपुर देहात: जिला मुख्यालय अकबरपुर की ऐतिहासिक रामलीला का आगाज 18 सितंबर को होने जा रहा है जब यहां की रामलीला अपने 155 वे वर्ष में प्रवेश करेगी तथा 9 अक्तूबर को समाप्त हो जायेगी। इस अंतराल में अनेक आकर्षक समारोह आयोजित किए जाएंगे जिसमें धनुष यज्ञ की लीला रावण वध जो दशहरे को किया जाता है तथा रात्रि में नाटक, गीत संगीत, और भी मनोरंजन के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस सम्बन्ध में श्री राम लीला समिति के मंच संचालक पंडित प्रमोद मिश्रा ने बताया कि यहां की रामलीला पूरी तरह संत तुलसी दास द्वारा रचित राम चरित मानस के आधार पर संपन्न करायी जाती है जिसके लिए उत्तर भारत के ख्याति प्राप्त कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है इतना ही नहीं साज सज्जा और संगीत वादन के लिए उत्कृष्ट कलाकार बुलाए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि रामचरितमानस के अनुसार गणेश पूजन,राम जन्म ,रावण जन्म,ताड़का बध की लीला अयोध्या पुरी मैदान में, पुष्प वाटिका एवं धनुष यज्ञ/लक्ष्मण परशुराम सम्वाद जनकपुरी मैदान में जबकि राम वन गमन की लीला का मंचन सरयू नदी पार करने के लिए पावर हाऊस के निकट स्थित एक प्राचीन तालाब का प्रयोग किया जाता है और वहां से चित्र कूट की लीला का मंचन तथा लंका पुरी में राम रावण युद्ध की लीला का प्रदर्शन किया जाता है जो अकबरपुर इंटर कॉलेज मैदान निकट कालका देवी मंदिर में संपन्न कराया जाता है।
इसी मैदान पर विजया दशमी उत्सव के दूसरे दिन विशाल दंगल आयोजित किया जाता है जो इस वर्ष 3 अक्टूबर को होगा। इस आयोजन में देश के अनेक प्रांतों से भारी संख्या में युवा पहलवान अपने दम ख़म का प्रदर्शन करते हैं और मनचाहा पुरस्कार प्राप्त करते हैं वहीं दशहरे के उपलक्ष्य में की जाने वाली आतिश बाजी का दीदार करने के लिए नगर और आसपास के हजारों लोगों का एकत्रीकरण होता है। उन्होंने बताया कि लगभग 25 दिनों तक चलने वाले रंगारंग कार्यक्रम के लिए, मीना बाजार,खानपान, घर गृहस्थी से संबंधित वस्तुओं के लिए विशाल बाजार,झूले आदि की व्यवस्था की जाती है साथ ही सुरक्षा एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाती है।
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