
नवरात्रि की छुट्टियों में मेरे पिताजी ने हम दोनों बहनों को एक सच्ची कहानी सुनाई। उन्होंने कहानी में बताया कि आपके बाबा मुझे एक अच्छे स्कूल में पढ़ाना चाहते थे। वे गांव में खेती किसानी का कार्य करते थे। उन्होंने मुझे कक्षा 9 में पढ़ने के लिए कानपुर में भेजा, कानपुर में रहने के लिए अपना कोई घर नहीं था और इतना अधिक धन भी नहीं था कि वह एक अच्छे स्कूल में मुझे एडमिशन दिला पाते। कानपुर में रह रहे रिश्तेदारों ने पिता जी को एक ऐसा विद्यालय बताया जहां पर सबसे कम फीस लगती थी और सबसे अच्छी पढ़ाई होती थी लेकिन वहां पर एडमिशन हो पाना आसान नहीं था।
उस स्कूल में एडमिशन के लिए मैं पहुंचा तो स्कूल गेट पर खड़े सिक्योरिटी गार्ड ने मुझे बाहर ही रोक लिया और पूछा क्या कार्य है, किससे मिलना है। मैंने उन्हें बताया कि सर मुझे इस स्कूल में कक्षा 9 में एडमिशन लेना है तो उन्होंने बताया बेटा यहां पर जनवरी माह में ही एडमिशन हो जाते हैं इन स्कूलों में जुलाई से सत्र नहीं चलता है। वह स्कूल कोई और नहीं बल्कि किदवई नगर स्थित यू पी किराना सेवा समिति विद्यालय था। जब मुझे उस स्कूल में प्रवेश नहीं मिला तब मैंने केशव नगर स्थित शिवाजी इंटर कॉलेज में प्रवेश लिया और वहीं पर रहने के लिए एक कमरा किराए पर लिया।
मार्गदर्शन की कमी की वजह से पढ़ाई में मैं बहुत अच्छा रिस्पांस नहीं दे सका। इंटरमीडिएट के बाद जो कोई रिश्तेदार मुझसे कह देता कि यह कोर्स कर लो वह कोर्स कर लो इसका स्कोप अधिक है मैं वही करता रहा और जीवन में बहुत कुछ बेहतर नहीं कर सका इसलिए मैंने यह प्रण किया कि भविष्य में मैं अपने बच्चों को इसी स्कूल में पढ़ाऊंगा और लक्ष्य निर्धारित कर ही शिक्षा ग्रहण कराऊंगा। मैंने अथक प्रयास के बाद तुम दोनों बहनों का प्रवेश उस स्कूल में कराया है जहां कभी मैं पढ़ना चाहता था। उन्होंने आगे कहा कि अच्छे स्कूल में एडमिशन कराने का सपना हर मां-बाप का होता है लेकिन एक मिडिल इनकम वाले परिवार में उसके मुखिया के पास सिर्फ बच्चे की पढ़ाई नहीं दूसरी भी अनेकों जिम्मेदारियां होती हैं।
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ऐसे में वो सोचने पर मजबूर होते हैं कि वे अपने बच्चे को पढ़ाएं तो कहां पढ़ाएं और क्वालिटी एजकुेशन उसके बच्चे को कैसे मिले। सही मार्गदर्शन में ही सही निर्णय हो पाता है। मार्गदर्शन व्यक्ति को सही दिशा दिखाता है, उसकी क्षमताओं को पहचानने में मदद करता है और उचित निर्णय लेने के लिए सक्षम बनाता है, जो उसे ज्ञान प्राप्त करने और अपने लक्ष्यों तक पहुँचने में सहायता करता है। लक्ष्य को निर्धारित कर कर्म किया जाए तो निश्चित रूप से सफलता मिलती है।
आज्ञा कटियार
कक्षा – 4प्रतिज्ञा कटियार
कक्षा – नर्सरी
यू पी किराना सेवा समिति बालिका विद्यालय तात्याटोपे नगर कानपुर।
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