बिग ब्रेकिंग: परिषदीय स्कूलों में अब शिक्षक व विद्यार्थियों की लगेगी डिजिटल हाजिरी, महानिदेशक मोनिका रानी ने जारी किया फरमान
परिषदीय स्कूलों में बच्चों की हर दिन लगेगी डिजिटल अटेंडेंस, स्टूडेंट अटेंडेंस को सीएम डैशबोर्ड पर एक नए प्रोजेक्ट के रूप में जोड़ा गया

लखनऊ/कानपुर देहात। प्रदेश के 1.33 लाख परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे 1.50 करोड़ से ज्यादा बच्चों की अब रोजाना डिजिटल अटेंडेंस लगेगी। स्टूडेंट अटेंडेंस को सीएम डैशबोर्ड पर एक नए प्रोजेक्ट के रूप में जोड़ा गया है। अक्तूबर के डाटा के आधार पर नवंबर से इसकी समीक्षा शुरू होगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने इस संबंध में सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक), जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारियों को विस्तृत निर्देश भेजे हैं। इसमें उन्होंने कहा है कि सीएम डैशबोर्ड पर बेसिक शिक्षा विभाग का नया प्रोजेक्ट स्टूडेंट अटेंडेंस को एकीकृत किया गया है। विद्यालयों में उपस्थित छात्रों की संख्या मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर नवंबर से (अक्तूबर के डाटा के आधार पर) दिखेगी। आदेश के मुताबिक स्टूडेंट अटेंडेंस प्रोजेक्ट अक्तूबर से जिलों की रैंकिंग निर्धारण में भी शामिल किया जाएगा इसलिए सभी जिले आवश्यक तैयारी सुनिश्चित करें ताकि डाटा फीडिंग और अपडेशन में देरी न हो। सभी विद्यालयों से छात्र उपस्थिति का दैनिक अद्यतन (डेली अपडेट) उपलब्ध कराया जाएगा।
पिछले साल हुआ था विरोध
बेसिक शिक्षा विभाग ने टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर शैक्षणिक कार्यों में प्रयोग होने वाली 12 पंजिकाओं के डिजिटाइजेशन की कवायद पिछले साल नए सत्र की शुरुआत के साथ की थी। इसके लिए विद्यालयों में दो-दो टैबलेट भी उपलब्ध कराए गए हैं। इसमें शिक्षकों की भी डिजिटल उपस्थिति जुड़ी होने से प्रदेश भर में इसका काफी विरोध हुआ था। इसके बाद उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप पर इसे स्थगित कर दिया था। अभी मध्याह्न भोजन समेत कुछ ही पंजिका डिजिटलाइज हुई हैं।
जिला प्रशासन बढ़ाएगा सख्ती
स्टूडेंट अटेंडेंस सीएम डैशबोर्ड से जुड़ने के बाद अब इसे लेकर बेसिक शिक्षा विभाग के साथ जिला प्रशासन भी सख्ती बढ़ाएगा क्योंकि सीएम डैशबोर्ड की समीक्षा के आधार पर जिलों की रैंकिंग जारी की जाती है। समीक्षा में स्थिति खराब होने पर जिला प्रशासन को भी जिम्मेदार माना जाएगा।
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