कानपुर

कानपुर सेंट्रल पर मिले 1.40 करोड़ रुपये की दावेदारी में क्यों हुआ विलंब, विशेषज्ञों ने समझाया पूरा गणित

दिल्ली से जय नगर जा रही स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस के पेंट्रीकार में 15 फरवरी की रात 251 बजे 1.40 करोड़ रुपये से भरा बैग मिला था। फिर शक होने पर बैग खोला गया तो रुपये थे। रुपयों की गिनती कराने के बाद बैग सीलकर जीआरपी को सौंप दिया गया।

कानपुर, अमन यात्रा। सेंट्रल स्टेशन पर स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस के पेंट्रीकार में मिले 1.40 करोड़ रुपये कानपुर से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मचा चुके हैं, लेकिन 13 दिनों तक कोई सामने नहीं आया। विधि विशेषज्ञ इसके पीछे का कारण भी बताते हैं। उनके मुताबिक यह सोची समझी रणनीति है। रुपये कहीं कानूनी दांवपेंच में न फंस जाएं इसलिए मामले में आयकर विभाग के शामिल होने तक दावेदार शांत रहे। चूंकि कोर्ट के बजाय आयकर विभाग से रुपये लेना आसान है, इसलिए अब जब आयकर विभाग ने रुपये बैंक में जमा करा दिए तो रुपयों पर दावा कर दिया गया। आइये आपको भी बताते हैं, क्या है कानूनी दांवपेच।

ये है पूरा मामला

दिल्ली से जय नगर जा रही स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस के पेंट्रीकार में 15 फरवरी की रात 2:51 बजे 1.40 करोड़ रुपये से भरा बैग मिला था। फिर शक होने पर बैग खोला गया तो रुपये थे। रुपयों की गिनती कराने के बाद बैग सीलकर जीआरपी को सौंप दिया गया। जीआरपी ने लावारिस में मिले बैग की फर्द बनाई और मालखाने में जमा कर आयकर विभाग को सूचना दे दी।

इन्होंने समझाया पूरा खेल

अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित बताते हैं कि जीआरपी मुकदमा दर्ज करती तो रुपये केस प्रापर्टी हो जाते, जिसके बाद आपराधिक मुकदमा चलता और कोर्ट से ही रुपये रिलीज होते। चूंकि कोर्ट में कानूनी प्रक्रिया लंबी चलती है, ऐसे में आयकर विभाग के शामिल होने तक रुपयों पर दावा नहीं किया गया। हाईकोर्ट के अधिवक्ता आशुतोष शर्मा के मुताबिक इस तरह से मिले रुपयों पर आयकर विभाग की जांच का केंद्र टैक्स की चोरी और आय के स्रोत तक सीमित रहता है। यदि दावा करने वाला व्यक्ति या कंपनी रुपयों के स्रोत और आय का सटीक विवरण दे देगा तो आयकर विभाग आसानी से रुपये रिलीज कर देगा, जबकि कोर्ट में मुकदमा कब तक चलेगा, कहा नहीं जा सकता है।

जीआरपी भी पूछेगी सवाल, लावारिस क्यों  रखे थे रुपये

स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस के पेंट्रीकार में 1.40 करोड़ रुपये लावारिस मिले थे। लावारिस में मामला दर्ज कर जीआरपी ने रुपये आयकर विभाग को सौंप दिए। अब गाजियाबाद की एक कंपनी ने इन रुपयों पर अपना दावा किया है। चूंकि जांच अभी चल रही है, ऐसे में एक सेवा प्रदाता कंपनी के सामने आने के बाद जीआरपी को इंटरकॉम और सीसीटीवी फुटेज के साथ जांच का एक बिंदु और मिल गया है। जीआरपी अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए कंपनी के अधिकारियों से सवाल जवाब करेगी। प्रयागराज मंडल के प्रभारी एसपी जीआरपी के मुताबिक रुपये आयकर विभाग को सौंप दिए गए हैं। वह अपनी जांच कर रहे हैं। आरपीएफ इंस्पेक्टर पीके ओझा ने बताया कि जांच जीआरपी कर रही है, उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।

इनका ये है कहना 

इस मामले में हमारी जांच चल रही है। कंपनी से भी दस्तावेज मांगे गए हैं। आयकर विभाग की जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। –  ब्रजेश कुमार सिंह, प्रभारी एसपी प्रयागराज मंडल

aman yatra
Author: aman yatra


Discover more from अमन यात्रा

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Articles

AD
Back to top button

Discover more from अमन यात्रा

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading