तो अब यूपी सरकार का हाेगा जॉर्जिना मैकराबर्ट मेमोरियल हॉस्पिटल, सोसाइटी ने लिया फैसला
कानपुर शहर में अंग्रेजों के समय मैकराबर्टगंज हॉस्पिटल बना था और इसके संचालन के लिए बनी सोसाइटी 102 वर्षों से काम कर रही है। 14 फरवरी को बैठक में पांच सदस्यों ने अस्पताल सरकार को सौंपने के लिए हामी भरी है।

कानपुर, अमन यात्रा। जॉर्जिना मैकराबर्ट स्मारक हॉस्पिटल सोसाइटी ने मैकराबर्टगंज हॉस्पिटल को सरकार को सौंपने का निर्णय लिया है। सोसाइटी की बैठक में पांच सदस्यों ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। इसका पत्र भी डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म, सोसाइटी, चिट्स को सौंप दिया गया है।
प्रेस कांफ्रेंस में सोसाइटी के गवर्नर सदस्य राजकुमार लोहिया ने बताया कि 102 वर्ष पुरानी सोसाइटी ने अपना अस्पताल सरकार को सौंपने का निर्णय लिया है। डिप्टी रजिस्ट्रार को पत्र सौंपा जा चुका है। अब वह इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने बताया कि अस्पताल का जीर्णोद्धार कर रहे थे, लेकिन सोसाइटी के सदस्यों के विवाद के चलते यह निर्णय लेना पड़ा। आरोप लगाया कि पहले नितिन गुप्ता, मनीष गुप्ता, प्रशांत भटनागर को शामिल किया गया था। उनको हाईकोर्ट के आदेश से हटाया गया। 14 मार्च 2019 को कमल भाटिया, नवीन डारोलिया व संदीप कंसल को शामिल किया गया।
डिप्टी रजिस्ट्रार से शिकायत पर इनकी भी सदस्यता समाप्त हुई। दूसरा पक्ष उन्हें बहाल करने के लिए हाईकोर्ट गया हुआ है। उन्होंने बताया कि उनके अलावा सोसाइटी में उप सभापति पीटर सी प्रसाद, सचिव एमएल चौधरी, कोषाध्यक्ष बीएम गर्ग, गवर्नर सदस्य मार्गेरी दत्ता, जेके लोहिया, आइएन गुप्ता हैं। 14 फरवरी 2021 की बैठक में उनके अलावा पीटर सी प्रसाद, बीएम गर्ग, जेके लोहिया रहे। कनाडा में रह रहीं मार्गेरी दत्ता ने बीएम गर्ग को पावर आफ अटार्नी दी थी। बैठक में 32 हजार वर्ग गज का हॉस्पिटल सरकार को देने का प्रस्ताव पास हुआ। डॉ. एमएल चौधरी, आइएन गुप्ता ने बैठक में आने से इन्कार कर दिया था।
चौधरी ने कहा, बैठक करने का अधिकार नहीं, हाईकोर्ट जाएंगे
डॉ. एमएमल चौधरी ने कहा कि इन्हें बैठक बुलाने का अधिकार नहीं था। डिप्टी रजिस्ट्रार के अलावा सीएम, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी से शिकायत कर चुके हैं। हाईकोर्ट में जो मामला चल रहा है उसमें इसे भी जुड़वाएंगे। उन्होंने कहा कि वह सचिव नहीं चेयरमैन हैं। अप्रैल 2019 की बैठक में सर्वसम्मति से उन्हें चेयरमैन व कमल भाटिया को सचिव चुना गया था। कमल भाटिया की सदस्यता खत्म होने से सचिव पद पर कोई नहीं है। हाईकोर्ट ने उन्हें व बीएम गर्ग को संचालन का अधिकार दिया है।

Author: aman yatra
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