कानपुर,अमन यात्रा । Bharat Bandh Latest Update किसानों के बाद अब व्यापारी और व्यापारिक संगठन भी सड़क पर उतरने को विवश हैं। पेट्रोल-डीजल और एलपीजी के मूल्यों में वृद्धि, जीएसटी में सुधार जैसी गई मांगों को लेकर उन्होंने शुक्रवार को हड़ताल करने का निर्णय लिया था। जिसे देखते हुए कानपुर और आसपास के कुछ जिलों में प्रशासनिक हलचल देखने को मिल रही है। किसानों के बाद अब व्यापारियों का प्रदर्शन करना सरकार के लिए कई मुशिकलें खड़ी कर सकता है। हालांकि पेट्रोल-डीजल के मूल्यों में हुई इस असमय वृद्धि को लेकर विगत कुछ दिनों से विपक्ष भी सरकार पर हावी है। खबरों की इस कड़ी में हम आपको बताएंगे कि कानपुर और उसके आसपास के जिलों में भारत बंदी की क्या स्थिति है।
कैट की अपील का कानपुर में दिख रहा असर
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के प्रविधानों में समीक्षा की मांग को लेकर व्यापारिक संगठन कंफेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स(सीएआइटी-कैट) की ओर से घोषित भारत बंद का असर दिख रहा। शुक्रवार की सुबह कानपुर में बंदी को लेकर लोग कुछ असमंजस में दिखे। हालांकि आपको बताते चलें कि कानपुर में बंदी की जगह जुलूस का आयोजन किया जाएगा।
समय के साथ-साथ और साफ होगी तस्वीर
देशभर में आंदोलन का असर दिख रहा है। घड़ी के कांटे जैसे-जैसे बढ़ेंगे वैसे-वैसे भारत बंद की धुंधली तस्वीर स्पष्ट होती जाएगी। कैट की ओर से बताया गया है कि देशभर के करीब आठ करोड़ व्यापारी अपने प्रतिष्ठान बंद रख रहे हैं। कारोबारियों का कहना है कि जीएसटी में कई प्रविधान बेतुके और तर्कहीन है। इससे व्यवसायी बेवजह परेशान होते हैं।
क्या-क्या रहेगा बंद
एक करोड़ ट्रांसपोर्ट्स ने 26 फरवरी को हड़ताल और चक्का जाम करने की घोषणा की है। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के एसोसिएशन और टैक्स एडवोकेट्स ने भी अपने क्लाइंट्स को सूचित किया है कि वह शुक्रवार को ऑफिस में ना आएं, यानी उनके ऑफिस भी बंद रहेंगे। करीब 1500 जगहों पर धरना दिए जाने की भी घोषणा की गई है।