कविता

पवन सुहानी आयी रे..

  मनोरम मौसम लेकर इन्द्रधनुष पुष्पों के संग उत्सव मनाने आयी रे पवन सुहानी आयी रे बदरी की सुर कंपन…

9 months ago

फादर्स डे स्पेशल : जिंदगी के सफर में पिता महान होता है, जमीन पर रहकर भी वह आसमान होता है

जिंदगी के सफर में पिता महान होता है  l जमीन पर रहकर भी वह आसमान होता है l हर खुशी…

11 months ago

बालिका दिवस पर विशेष

मेरी बेटी फूल सी कोमल, सुंदर सुकोमल एक छोटी सी कलिका, मेरे आंगन में अवतरित हुई l कहां-कहां की आवाज…

1 year ago

‘बुढ़ापा’

मां जब जब भी दर्द से कराहती है अजीब सी बेचैनियां मुझे घेरती, नकारती हैं असहाय सी हो जाती हूं…

1 year ago

।। घर घर की पहचान हैं ये लड़कियां ।।

।। घर घर की पहचान हैं ये लड़कियां ।। आज़ाद पंक्षी सी होती हैं ये लड़कियां हर पंख से एक…

1 year ago

नेता भईया

कागज की नाव आप चलाएंगे कब तक जनता को पागल बनायेंगे कब तक। कहते हैं हर आंख के आंसू पोंछ…

1 year ago

मै कौन हूँ

इस जहां में मैं खुद को तलाशता  रहा.... मैं कौन हूं... क्या है मेरा वजूद....? बस खुद से किए सवाल…

1 year ago

मासिक धर्म के नाम पर ये आडंबर क्यूं ??

मासिक धर्म के नाम पर ये आडंबर क्यूं ?? मैं! पूछना चाहती हूं इस समाज धर्म के ठेकेदारों से आखिर!…

1 year ago

परंपरा की परंपरा का परम्पराओं से बड़ा पुराना नाता, वर्तमान का नवयुवक नहीं इसे निभाता

आज भी परंपराओं को निभाने की परंपरा जिंदा है। पैदा होने से लेकर मरने तक यहां आदमी परंपराओं को निभाता…

1 year ago

दोस्त तेरे बिना मैं किधर जाऊंगा

दोस्त तेरे बिना मैं किधर जाऊंगा टूट जाऊंगा बिखर जाऊंगा। जिंदगी दर्द बन जाएगी कोई खुशी मेरे पास रह ना…

1 year ago

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