सरकारी स्कूलों में शुरू हुआ एडमिशन कैंपेन, अब घर घर पहुच रहे शिक्षक
शैक्षणिक सत्र 2024-25 में कोई भी बच्चा घर न बैठे इसके लिए शिक्षा विभाग ने कमर कस ली है। बच्चों का शत प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित हो इसके लिए शिक्षक बच्चों के घर घर जा रहे हैं और नए शैक्षणिक सत्र में बच्चों का नामांकन करने के लिए बच्चों के माता-पिता को समझा रहे हैं

कानपुर देहात। शैक्षणिक सत्र 2024-25 में कोई भी बच्चा घर न बैठे इसके लिए शिक्षा विभाग ने कमर कस ली है। बच्चों का शत प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित हो इसके लिए शिक्षक बच्चों के घर घर जा रहे हैं और नए शैक्षणिक सत्र में बच्चों का नामांकन करने के लिए बच्चों के माता-पिता को समझा रहे हैं। दरअसल हाल के दिनों में जिलों से आयी रिपोर्ट में ड्रॉप आउट के आंकड़े में इजाफा देखा गया है। ऐसे में शिक्षा विभाग चिंतिंत है। इस ड्रॉप आउट को रोकने और एडमिशन बढ़ाने के लिए महानिदेशक स्तर से सभी जिलों को निर्देश भेजते हुए शिक्षकों को शत प्रतिशत बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूलों में कराने के निर्देश दिए गए हैं।
जिलों को कहा गया है कि सभी स्कूल कैंपेन चलाकर इसे सुनिश्चित करेंगे, ताकि कोई बच्चा ड्रॉप आउट न रह सके। इसी के तहत शनिवार को प्राथमिक विद्यालय घनारामपुर सरवनखेड़ा की सहायक अध्यापिका दीप्ती कुशवाहा ने गांव में घर-घर जाकर बच्चों के अभिभावकों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया।
क्यों इस कैंपेन की पड़ी जरूरत-
शिक्षा विभाग के अपडेशन की प्रक्रिया में ड्रॉप आउट होने वाले स्टूडेंट्स के आंकड़े सामने आ रहे हैं। डेटा अपलोड करने के दौरान ड्रॉप आउट की वजह भी अपडेट की जा रही है। अब तक कई बच्चों के डाटा को अपडेट किया जा चुका है। ड्रॉप आउट के बढ़ते आंकड़े ने शिक्षा विभाग की चिंता बढ़ा दी है। इस आंकड़े को देखते हुए शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि चिन्हित हो रहे ड्रॉप आउट बच्चों का नामांकन सुनिश्चित कराया जाए। उनका 2024-25 के नए शैक्षणिक सत्र में नामांकन हो और वह नियमित रूप से स्कूल जाएं।
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