कानपुर,अमन यात्रा । कंपनी में निवेश कराकर लोगों से धोखाधड़ी करने के एक मामले में इनफिनिटी वर्ल्ड ग्रुप ऑफ कंपनीज के निदेशक की जमानत अर्जी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजवीर सिंह ने खारिज कर दी। एडीजीसी सुशील कुमार वर्मा ने बताया कि ऑर्डर पूर्व में हुआ था। कोविड के कारण न्यायालय बंद होने से सोमवार को मिल सका है।

ये है पूरा मामला: ग्वालटोली निवासी अधिवक्ता मो. इम्तियाज ने अक्टूबर 2019 को कोर्ट में इनफिनिटी वर्ल्ड ग्रुप ऑफ कंपनीज के खिलाफ प्रार्थनापत्र देकर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की थी। नौ लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए था कि कंपनी के निदेशक अभय कुशवाहा, निखिल कुशवाहा समेत अन्य लोगों ने इनफिनिटी वर्ल्ड इंफ्रा हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाई और जमीन दिलाने के नाम पर तीन लाख रुपये निवेश कराया। इसके बाद हैलो राइड लिमिटेड कंपनी की योजना में पैसा लगवाया। योजना थी कि 61 हजार रुपये की बाइक खरीदकर देने पर 5,500 रुपये 12 महीने तक किराया देंगे। इसके बाद मूलधन की किस्त 5,585 के हिसाब से कंपनी वापस करेगी। कंपनी ने रुपये लगवाए और कुछ वापस भी नहीं किया। इस मामले में निचली कोर्ट के आदेश पर 25 अक्टूबर 2019 को ग्वालटोली पुलिस ने अभय कुमार कुशवाहा, निखिल कुशवाहा, नीलम वर्मा, रागिनी गुप्ता, मोहम्मद आजम अली, राजेश पांडेय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने लखनऊ के जानकीपुरम से निखिल कुशवाहा को गिरफ्तार किया।

इनका ये है कहना: एडीजीसी ने बताया कि जमानत के पक्ष में निखिल का तर्क था कि वह कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे चुका है। जिसके बाद उन्होंने साबित किया कि वह अभी भी डायरेक्टर है। कानपुर में कंपनी की धोखाधड़ी के खिलाफ 18 मुकदमे दर्ज हैं जबकि लखनऊ में 50 मुकदमे दर्ज हैं। उपरोक्त आरोपित इस कंपनी के तहत करीब 17 और कंपनियां चला रहे हैं जिसमें निवेश कराकर लोगों को ठगते हैं। उन्होंने बताया कि अभय लखनऊ से जमानत लेकर विदेश भाग गया है। उक्त तथ्यों को सुनने के बाद न्यायालय ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।