कानपुर, अमन यात्रा । नाज फातिमा जब स्टेयरिंग थाम कर बस चलाएंगी तो सिर्फ उनका परिवार ही नहीं पूरा मुस्लिम समाज उन पर नाज करेगा। बस चलाने का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद वे प्रदेश की पहली मुस्लिम बस चालक बन जाएंगी।

कौशल विकास मिशन के तहत प्रदेश में पहली बार महिलाओं को बस चलाने का प्रशिक्षण देने की शुरुआत की गई है। विकास नगर स्थित मॉडल ड्राइङ्क्षवग ट्रेङ्क्षनग इंस्टीट््यूट एंड रिसर्च सेंटर में प्रदेश भर से चयनित महिलाओं को प्रशिक्षण देने की शुरुआत हो चुकी है। प्रथम बैच में 27 युवतियां व महिलाएं शामिल हैं। इनकी डेमो क्लास भी लगना शुुरू हो गई है। प्रथम बैच में फर्रूखाबाद के कमालगंज की नाज फातिमा भी शामिल है। नाज फातिमा पहली ऐसी मुस्लिम युवती हैं जिन्होंने बस चलाने का प्रशिक्षण लेकर आत्मनिर्भर बनने की ठानी है।

नाज फातिमा के वालिद तस्बीरुल हसन का वर्ष 2010 में इंतकाल हो गया था। घर में बड़ा भाई व छोटी बहन है। मां हदीसा बानों से बच्चों की परवरिश की। नाज ने बताया कि उन्होंने बीएससी किया है। इसके अतिरिक्त नर्सिंग का डिप्लोमा भी किया है। जब उनको जानकारी मिली की सरकार महिलाओं को बस चालक बनाने का प्रशिक्षण दिलाने जा रही है तो यह बात उन्होंने मां को बताई। उन्होंने प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया तो चयन भी हो गया। अब तमन्ना है कि जल्द कोर्स पूरा कर बस चलाएं और जमाने को दिखाएं की महिलाएं किसी से पीछे नहीं है।

  • आत्मनिर्भर बनने के लिए 27 महिलाओं को मॉडल ड्राइविंग इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में प्रशिक्षण देने की शुरुआत की गई है। देश में यह अपनी तरह का पहला प्रशिक्षण है जिसमे महिलाओं को हैवी कामर्शियल वाहन चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। -एसपी सिंह, प्रधानाचार्य,मॉडल ड्राइविंग इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर