भोपाल,अमन यात्रा : प्रदेश के 19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में वोटों की गिनती अब अंतिम राउंड की तरफ बढ़ रही है। नतीजे आने शुरू हो गए हैं। सुवासरा से भाजपा प्रत्याशी मंत्री हरदीप सिंह डंग ने 29440 वोट से जीत दर्ज की है। वहीं, 3 मंत्रियों की, बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, बमोरी से महेंद्र सिंह सिसौदिया और सांची से प्रभुराम चौधरी की जीत तय है। उधर, चंबल की सुमावली सीट पर मंत्री एंदल सिंह कंषाना 16 हजार से अधिक वोटों से पीछे हैं। उनकी हार लगभग तय मानी जा रही है। उधर, मांधाता सीट से भाजपा के नारायण पटेल 22 हजार से अधिक वोटों से जीत गए हैं। हालांकि, आयोग ने अभी अधिकारिक घोषणा नहीं की है।
दोपहर तक उपचुनाव के नतीजों की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है। अब 27 में से 20 सीट पर भाजपा और 6 सीट पर कांग्रेस आगे है, जबकि 1 सीट (मुरैना) पर बसपा आगे है। अब तक आए रुझानों में भाजपा का कमल खिलता दिख रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज ने दोपहर 12.45 बजे ट्वीट कर कहा कि जनता ने एक बार फिर विकास के लिए भाजपा को मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय ले लिया है।
उधर, दोपहर 1.30 बजे रुझानों में तस्वीर साफ होने के बाद कमलनाथ ने भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय छोड़ दिया।
मुरैना में भाजपा को झटका
भाजपा को मुरैना में झटका लगा है। ज्योतिरादित्य और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के प्रभाव वाली मुरैना की 5 सीटों में 3 पर भाजपा पीछे चल रही है। यहां एक सीट पर बसपा भी मैदान मारती नजर आ रही है। बसपा प्रत्याशी रामप्रकाश राजौरिया मुरैना सीट से लीड लिए हैं। इस सीट पर कांग्रेस दूसरे और भाजपा तीसरे नंबर पर है। यहां चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज ने नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में एक रैली में कहा था कि आपके क्षेत्र के सांसद नरेंद्र सिंह तोमर हैं। वह नरेंद्र मोदी के बगल में बैठते हैं। इसलिए, यहां पर भाजपा प्रत्याशी का जीतना जरूरी है। उपुचनाव के दौरान नरेंद्र सिंह तोमर ने यहां पर 7 बार रैली की थी।
2 मंत्री पीछे, ग्वालियर की 3 सीटों पर भाजपा आगे
सिंधिया खेमे के मंत्री गिर्राज दंडोतिया के अलावा एंदल सिंह कंषाना पीछे चल रहे हैं। वहीं, पूर्व मंत्री तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत के अलावा मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रदुम्न सिंह तोमर, बृजेंद्र सिंह यादव, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, हरदीप सिंह डंग, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, सुरेश धाकड़, ओपीएस भदौरिया और बिसाहूलाल आगे चल रहे हैं।
ग्वालियर की तीनों सीट पर भाजपा आगे है। सांवेर सीट से पूर्व मंत्री सिलावट कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डु से काफी आगे निकल चुके हैं। सिलावट 12 हजार से ज्यादा वोट से गुड्डू से आगे हैं।
14 सीटें, जहां मंत्रियों की किस्मत दांव पर:
सीट | किसके बीच मुकाबला | कौन आगे |
सांवेर | तुलसीराम सिलावट (भाजपा) और प्रेमचंद्र गुड्डू (कांग्रेस) | तुलसीराम सिलावट |
सुरखी | गोविंद सिंह राजपूत (भाजपा) और पारुल साहू (कांग्रेस) | गोविंद सिंह राजपूत |
ग्वालियर | प्रद्यु्म्न सिंह तोमर (भाजपा) और सुनील शर्मा (कांग्रेस) | प्रद्यु्म्न सिंह तोमर |
डबरा | इमरती देवी (भाजपा) और सुरेश राजे (कांग्रेस) | इमरती देवी |
बमोरी | महेंद्र सिंह सिसौदिया (भाजपा) और कन्हैया लाल (कांग्रेस) | महेंद्र सिंह सिसौदिया |
सुमावली | एंदल सिंह कंषाना (भाजपा) और अजब सिंह कुशवाह (कांग्रेस) | अजब सिंह कुशवाह |
दिमनी | गिर्राज दंडोतिया (भाजपा) और रविंद्र सिंह तोमर (कांग्रेस) | रविंद्र सिंह तोमर |
बदनावर | राजवर्धन सिंह (भाजपा) और कमल पटेल (कांग्रेस) | राजवर्धन सिंह |
सांची | प्रभुराम चौधरी (भाजपा) और मदन लाल चौधरी (कांग्रेस) | प्रभुराम चौधरी |
पोहरी | सुरेश धाकड़ (भाजपा) और हरिवल्लभ शुक्ला (कांग्रेस) | सुरेश धाकड़ |
अनूपपुर | बिसाहूलाल सिंह (भाजपा) और विश्वनाथ सिंह कुंजाम (कांग्रेस) | बिसाहूलाल |
सुवासरा | हरदीप सिंह डंग (भाजपा) और राकेश पाटीदार (कांग्रेस) | हरदीप सिंह डंग |
मुंगावली | बृजेंद्र सिंह यादव (भाजपा) और कन्हाई राम लोधी (कांग्रेस) | बृजेंद्र सिंह यादव |
मेहगांव | ओपीएस भदौरिया (भाजपा) और हेमंत कटारे (कांग्रेस) | ओपीएस भदौरिया |
चुनाव अपडेट्स:
शिवराज का ट्वीट:
दिग्विजय का ट्वीट:
सबसे जल्दी रिजल्ट अनूपपुर जिले से आने की उम्मीद है। यहां 18 राउंड में काउंटिंग होगी। सबसे लेट ग्वालियर के रिजल्ट आएंगे। यहां 32 राउंड काउंटिंग होगी। उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी प्रमोद शुक्ला ने बताया कि इस बार सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए प्रत्येक राउंड में 14-14 टेबल होंगी।
प्रदेश में 46619 पोस्टल बैलेट डाले गए हैं। सबसे ज्यादा 3675 मेहगांव में और सबसे कम 491 करैरा में पड़े हैं। अनूपपुर में सबसे कम 18 राउंड हैं, इसलिए यहां नतीजा सबसे पहले, जबकि 32 राउंड वाली ग्वालियर पूर्व सीट का सबसे बाद में आ सकता है।
28 सीटों पर 12 मंत्री और 2 पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर
शिवराज सरकार के 12 मंत्रियों और 2 पूर्व मंत्रियों ( तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत पद से इस्तीफा दे चुके) की किस्मत का फैसला भी होगा। जानकार मानते हैं कि यदि मंत्री को हार का सामना करना पड़ा, तो भाजपा में उनकी राह आसान नहीं होगी। अनुमान इससे भी लगाया जा सकता है कि इससे पहले चौधरी राकेश सिंह और प्रेमचंद गुड्डू को राजनीतिक भविष्य बचाने के लिए कांग्रेस में वापसी करनी पड़ी थी।
सीटों की संख्या के मायने
शिवराज सिंह चौहान: भाजपा को 20 से ज्यादा सीटें मिलती हैं, तो शिवराज का कद तो बढ़ेगा, लेकिन सत्ता और संगठन में सिंधिया का दखल ज्यादा होने से उन्हें फैसले लेने की पूरी आजादी नहीं होगी। 10 से 15 के बीच सीटें आती हैं, तो सरकार में फैसले करने में शिवराज पर संगठन का ज्यादा दबाव रहेगा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया: भाजपा के खाते में 20 से अधिक सीटें आती हैं, तो सिंधिया की प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर धमाकेदार एंट्री होगी और भाजपा में बड़े नेता के तौर पर उभर सकते हैं। यदि 10 से 15 के बीच सीटें आती हैं, तो प्रदेश की राजनीति में कम, केंद्र में सक्रियता ज्यादा रहेगी।
कमलनाथ: कांग्रेस यदि सिंधिया के गढ़ को धराशायी कर 20 से ज्यादा सीटें हासिल कर लेती है, तो कमलनाथ का कद कांग्रेस में और बढ़ जाएगा। दूसरा पहलू यह है कि यदि वे सरकार बनाने में कामयाब न हो सके और 10 से 15 सीटें ही मिलीं, तो प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष में से एक पद छोड़ने का दबाव बढ़ जाएगा।
दांव पर ‘सरकार’: जीत का गणित
विधानसभा की कुल सीटें: 230
(दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी के इस्तीफा देने के बाद एक सीट और खाली हो गई है)
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