PM मोदी ने लगवाई कोरोना वैक्सीन
प्रधानमंत्री ने भारत बायोटेक की कोवैक्सिन लगवाई, जिसे लेकर जनवरी में विवाद हुआ था और विपक्ष ने सरकार पर सवाल खड़े किए थे
नई दिल्ली,अमन यात्रा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना का पहला टीका लगवा लिया है। उन्हें भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का डोज दिया गया। वे सोमवार सुबह असम का गमछा गले में डालकर दिल्ली AIIMS पहुंचे। यहां पुडुचेरी की पी निवेदा ने मोदी को टीका लगाया, इस दौरान केरल की सिस्टर रोसम्मा अनिल पास में खड़ी थीं। इन तीनों राज्यों में 27 मार्च से 6 अप्रैल तक विधानसभा चुनाव होने हैं।
दिल्ली AIIMS में 3 साल से काम कर रहीं सिस्टर पी निवेदा ने बताया कि उनकी ड्यूटी वैक्सीन सेंटर पर लगी है। सोमवार सुबह ही उन्हें बताया गया कि प्रधानमंत्री टीका लगवाने के लिए आ रहे हैं। वैक्सीन लगवाने के बाद मोदी ने नर्स से कहा, ‘लगा भी दी, पता ही नहीं चला।’
AIIMS के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नर्सिंग ऑफिसर्स को सहज करने के लिए उनसे मजाक किया। उनसे लोकल लैंग्वेज में बात की और पूछा कि आप कहां की रहने वाली हैं। इससे नर्सिंग स्टाफ को सहूलियत हुई।
प्रधानमंत्री ने वैक्सीन लगवाने के बाद सोशल मीडिया पर फोटो शेयर की। इसके जरिए उन्होंने वैक्सीन को लेकर आम लोगों के मन की शंकाएं दूर करने की कोशिश की। साथ ही विपक्ष के उन नेताओं को भी संदेश दिया, जिन्होंने वैक्सीनेशन की मंजूरी की प्रोसेस पर सवाल उठाए थे।
सभी योग्य लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील
मोदी ने सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करते हुए लिखा, ‘कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने में हमारे डॉक्टर और वैज्ञानिकों ने जिस तेजी से काम किया वह असाधारण है। मैं सभी योग्य लोगों से अपील करता हूं कि वे वैक्सीन लगवाएं। हमें साथ मिलकर देश को कोरोना मुक्त बनाना है।’
जनता को परेशानी न हो, इसलिए PM ने सुबह का वक्त चुना
मोदी के AIIMS तक पहुंचने के लिए कोई रूट तय नहीं किया गया था। उन्होंने सुबह का वक्त चुना, ताकि उनके काफिले की वजह से आम लोगों को परेशानी नहीं हो। मोदी के वैक्सीन लगवाने के शेड्यूल की जानकारी भी पहले से नहीं दी गई, बल्कि प्रधानमंत्री ने अचानक AIIMS पहुंचकर लोगों को चौंका दिया।
मोदी ने वही वैक्सीन लगवाई, जो विवादों में आई थी
- प्रधानमंत्री ने भारत बायोटेक की कोवैक्सिन लगवाई है। जनवरी में इसे लेकर विवाद हुआ था। इसे मिली मंजूरी पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे। विपक्ष ने कहा था कि अगर वैक्सीन इतनी ही भरोसेमंद है, तो सरकार से जुड़े लोग इसका डोज क्यों नहीं लगवा रहे?
- कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा था कि कोवैक्सिन ने अभी तक अपना तीसरा ट्रायल भी पूरा नहीं किया है। जल्दबाजी में वैक्सीन को मंजूरी दी गई और यह खतरनाक हो सकता है।
- कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि भारत बायोटेक एक फर्स्ट रेट इंटरप्राइज है, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि कोवैक्सिन के फेज-3 ट्रायल से जुड़े प्रोटोकॉल, जिन्हें इंटरनेशनल लेवल पर मंजूर किया गया है, उन्हें मोडिफाई किया जा रहा है।
- इसके बाद भारत बायोटेक के एमडी डॉ. कृष्णा एल्ला को सामने आना पड़ा। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग हमारी वैक्सीन के बारे में केवल गॉसिप कर रहे हैं। ICMR के साथ मिलकर हमने इसे तैयार किया है और ये 200% सुरक्षित है। ट्रायल्स में 10% से भी कम साइड इफेक्ट देखने को मिले हैं।
सियासत आज भी हुई
- लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी बोले- हमने पहले भी कोवैक्सिन पर सवाल पूछे थे। विशेषज्ञों ने भी सरकार को आगाह किया था।
- केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्ष के लिए कहा कि ये भ्रम मंडली है। इन्हें लोगों की सेहत और सलामती के मुद्दे पर सियासत नहीं करनी चाहिए।
- केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा- प्रधानमंत्री ने वैक्सीन लगवाकर देश और दुनिया को भरोसा दिलाया है। यह हनुमान जी की संजीवनी बूटी है और प्रधानमंत्री हनुमान के रूप में संजीवनी बूटी जनता को दिला रहे हैं। यह विपक्ष के मुंह पर कड़ा तमाचा है।
- स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वही कोवैक्सिन लगवाई है जिसके खिलाफ कई अफवाहें फैलाई गईं, जबकि इसमें साइंटिफिक तौर कुछ गलत नहीं था। प्रधानमंत्री ने देश की जनता को साफ-साफ मैसेज दिया है। लोगों को वैक्सीन से जुड़ी अफवाहों और झिझक को छोड़ देना चाहिए।
- इस बीच, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मेरी उम्र 70 साल से ज्यादा हो गई है। मैं 10-15 साल ही और जियूंगा। इसलिए मेरी जगह किसी युवा को वैक्सीन लगाई जाए, तो बेहतर रहेगा।
दूसरे फेज में बुजुर्गों को टीके लगेंगे
देश में कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे फेज में 60 साल से ज्यादा और 45 साल से 60 साल तक के वे लोग जिन्हें गंभीर बीमारियां हैं, उनको शामिल किया गया है। जिनकी उम्र 1 जनवरी 2022 को 60 साल होगी, वे भी इस बार टीका लगवा सकते हैं। वैक्सीनेशन दोपहर 3 बजे तक चलेगा। इसके लिए को-विन 2.0 पोर्टल के साथ ही आरोग्य सेतु ऐप पर सुबह 9 बजे से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं।
गंभीर बीमारी का सर्टिफिकेट दिखाना होगा
जिन लोगों की उम्र 60 साल या ज्यादा है, उन्हें रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेशन के वक्त ID कार्ड साथ रखना होगा। 45 से 60 साल के जिन लोगों को गंभीर बीमारी है, उन्हें मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाना होगा। सरकार ने इसके लिए डिक्लरेशन फॉर्मेट के साथ इस क्राइटेरिया में आने वाली 20 बीमारियों की लिस्ट भी जारी की है। इस फॉर्म को डॉक्टर से सर्टिफाई करवाना होगा।