नवांगतुक पुलिस अधीक्षक बीबी जीटीएस मूर्ति ने संभाला कार्यभार
नए पुलिस अधीक्षक 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी बीबी जीटीएस मूर्ति ने शनिवार यानि आज कार्यभार संभाल लिया है। मालूम हो कि वर्ष 2015 बैच के बीबीजीटीएस मूर्ति को वर्ष 2021 में कानपुर डीसीपी बनाकर भेजा गया था। तब वह लखनऊ अभिसूचना मुख्यालय में एडिशनल एसपी थे। कार्य भार सँभालते ही कोतवाली अकबरपुर की चौकी बारा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पदनामि पुरवा में हुई लूट की स्थलीय हेतु घटना स्थल पहुचे और अहम दिशा निर्देश दिए।

- फरियादियों को थाना स्तर पर न्याय दिलाना पहली प्राथमिकता : एसपी
सुशील त्रिवेदी, कानपुर देहात। नए पुलिस अधीक्षक 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी बीबी जीटीएस मूर्ति ने शनिवार यानि आज कार्यभार संभाल लिया है। मालूम हो कि वर्ष 2015 बैच के बीबीजीटीएस मूर्ति को वर्ष 2021 में कानपुर डीसीपी बनाकर भेजा गया था। तब वह लखनऊ अभिसूचना मुख्यालय में एडिशनल एसपी थे। कार्य भार सँभालते ही कोतवाली अकबरपुर की चौकी बारा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पदनामि पुरवा में हुई लूट की स्थलीय हेतु घटना स्थल पहुचे और अहम दिशा निर्देश दिए।
फरियादियों को थाना स्तर पर न्याय दिलाना प्राथमिकता
एसपी ने कार्यभार संभालने के बाद अपने अधीनस्थ अधिकारियों से परिचय लेकर जिले की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के साथ जन शिकायतों के प्रभावी निस्तारण पर जोर दिया। वर्ष 2021 में कानपुर में डीसीपी ट्रैफिक/पश्चिम के पद पर तैनात थे हैदराबाद निवासी बीबीजीटीएस मूर्ति 2015 बैच के आईपीएस अफसर। उन्होंने बताया कि बचपन से ही मैं तेलगू भाषा बोलता, लिखता और समझता था। अंग्रेजी भी बेहतर थी। कभी हिंदी की जरूरत नहीं लगी। मगर 2015 में जब आईपीएस के लिए चयन हुआ और गाजियाबाद में तैनाती मिली तो हिंदी की अहमियत पता चली। आईपीएस आईपीएस अधिकारी बीबी जीटीएस मूर्ति ने फोन पर बातचीत के दौरान अपनी प्राथमिकता थाना स्तर पर फरियादियों को न्याय दिलाना बताया है।
उन्होंने आगे बताया कि शुरू में गूगल ट्रांसलेटर की मदद से काम चलाया लेकिन मन ही मन ठान लिया था कि अब हिंदी सीखनी है। अफसरों ने भी प्रेरित किया। आज मैं हिंदी बोलता हूं, समझता हूं और आसानी से लिखता हूं। अब मैं भाषण भी हिंदी में दे सकता हूं। एक समय था जब हिंदी बोलने में भी डर लगता था। इस पर मुझे गर्व भी है। मेरी हिंदी में सुधार सबसे अधिक वर्ष 2021 में कानपुर में आकर हुआ। कमिश्नरी लागू होने के बाद पुलिस कमिश्नर सर ने हिंदी बोलने के लिए प्रेरित किया।
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