कानपुर देहातउत्तरप्रदेशफ्रेश न्यूज

विजय किरन आनंद का जागमन, कंचन वर्मा का स्कूल शिक्षा महानिदेशक के पद पर आगमन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार रात छह आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया। इसके तहत स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद को प्रयागराज में कुंभ मेला अधिकारी बनाया गया है जबकि कंचन वर्मा नई महानिदेशक स्कूल शिक्षा बनाई गईं।

कानपुर देहात। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार रात छह आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया। इसके तहत स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद को प्रयागराज में कुंभ मेला अधिकारी बनाया गया है जबकि कंचन वर्मा नई महानिदेशक स्कूल शिक्षा बनाई गईं।

कंचन वर्मा अभी तक महानिरीक्षक निबंधन उत्तर प्रदेश के पद पर तैनात थीं। इसके अलावा विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा डॉ. रूपेश कुमार को आईजी निबंधन उत्तर प्रदेश, सुखलाल भारती विशेष सचिव कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा को विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा बनाया गया है। अपर खाद्य आयुक्त उत्तर प्रदेश तथा सचिव सतर्कता आयोग अनिल कुमार अब प्रभारी आयुक्त एवं निबंधक सहकारी समितियां के पद पर तैनात किए गए हैं। वहीं अपर आवास आयुक्त आवास विकास परिषद उप्र डा. विपिन कुमार मिश्रा को अपर खाद्य आयुक्त उत्तर प्रदेश के साथ ही सचिव सतर्कता आयोग के पद पर तैनात किया गया है।

महानिदेशक ने स्कूलों को बना दिया था प्रयोगशाला –
तत्कालिक महानिदेशक ने बेसिक शिक्षा विभाग को प्रयोगशाला बना दिया था। छोटी-छोटी बातों पर शिक्षकों को दंडित किया जा रहा था। शिक्षा गुणवत्ता सुधार गतिविधियों को लेकर नित दिन जारी हो रहे नए नए आदेशों से परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक असमंजस की स्थिति में रहे हैं। अधिक कार्य भार से उनमें तनाव भी बढ़ रहा है। बेसिक विद्यालय और उनके छात्र छात्राएं प्रयोगशाला बनते जा रहे हैं।

 

शिक्षकों के अनुसार वर्तमान आदेश-निर्देशों की बाढ़ में यह उलझन हैं कि क्या कहां कितना कैसे शुरू करें, कहां कैसे किसको कितना जारी रखे और क्या कब कितना कैसे समाप्त करें। शिक्षक स्वयं को किंकर्तव्यविमूढ़ की स्थिति में पा रहा है। शिक्षकों की यह मन: स्थिति उसके लिए शिक्षण एकाग्रता में न सिर्फ बाधक है अपितु शिक्षण उत्साह में भी नकारात्मक असर डाल रहा है। आदेश-निर्देशों में सामंजस्य बनाना एवं नये-पुराने दोनों आदेश-निर्देश का अक्षरशः अनुपालन करना समस्या बन गया है। निजी विद्यालयों के शैक्षिक गुणवत्ता को आधार मानकर नियमित हो रहे प्रयोगों से परिषदीय विद्यालय प्रयोगशाला बनते जा रहे हैं।

 

कक्षा 1 से 8 तक की प्राथमिक शिक्षा विभिन्न मिशन, विभिन्न मोबाइल ऐप, जागरूकता कार्यक्रम, विभिन्न अभियान, यूट्यूब सेशन, ऑनलाइन-आफलाइन प्रशिक्षण, आकस्मिक निरीक्षणों, सपोर्टिव सुपरविजन, विभिन्न टेक्निकल शब्दावलियों और उससे जुड़े कार्यक्रमों, दिन-प्रतिदिन के आदेश-निर्देशों, सूचनाओं के आदान-प्रदान में ही उलझती जा रही है। हाल ही में बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों को टेबलेट वितरित किए गए।महानिदेशक विजय किरन आनंद ने शिक्षकों को रियल टाइम अटेंडेंस लगाने के निर्देश जारी कर दिए। वह भी निर्देश ऐसा कि अगर शिक्षक 15 मिनट विद्यालय लेट पहुंचा तो उसका पूरे दिन का वेतन काट लिया जाएगा। महानिदेशक साहब का यह रिकॉर्ड था कि वह प्रतिदिन 4 से 5 आदेश शिक्षकों के लिए जारी करते थे।

 

उन्होंने परिषदीय स्कूलों को रिसर्च सेंटर बना दिया था जिसका शिक्षक लंबे समय से विरोध कर रहे थे। अब महानिदेशक के स्थानांतरण के बाद शिक्षकों ने राहत की सांस ली है जैसे ही महानिदेशक के स्थानांतरण का आदेश आया तो शिक्षकों में खुशी की लहर देखने को मिली हालांकि कुंभ मेला समाप्त होने के बाद विजय किरन आनंद के पुनः वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE


Discover more from अमन यात्रा

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Articles

AD
Back to top button

Discover more from अमन यात्रा

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading