लो भईया ! अब आप सीधे नहीं बन सकेंगे बीएसए
अब किसी राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य या वरिष्ठ प्रवक्ता को सीधे बेसिक शिक्षा अधिकारी के पद पर तैनाती नहीं मिल सकेगी। बीएसए के पद पर तैनाती से पहले सह जिला विद्यालय निरीक्षक, प्रधानाचार्य या वरिष्ठ प्रवक्ता के पद पर न्यूनतम तैनाती की अनिवार्यता के सम्बन्ध में शासन ने कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं।

- अनुभवहीन अधिकारियों के चलते बेसिक शिक्षा विभाग का हो गया बेड़ा गर्क
- आए दिन सैकड़ों शिकायतें मंत्रियों एवं कोर्ट कचहरियों में पहुंच रहीं हैं।
- नियमों की जानकारी के अभाव में बढ़ रहे अदालतों में मुकदमे
कानपुर देहात,अमन यात्रा : अब किसी राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य या वरिष्ठ प्रवक्ता को सीधे बेसिक शिक्षा अधिकारी के पद पर तैनाती नहीं मिल सकेगी। बीएसए के पद पर तैनाती से पहले सह जिला विद्यालय निरीक्षक, प्रधानाचार्य या वरिष्ठ प्रवक्ता के पद पर न्यूनतम तैनाती की अनिवार्यता के सम्बन्ध में शासन ने कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी 15 दिनों में रिपेार्ट देगी।
ये भी पढ़े- अग्नि से बचाव व आग लगने की सूचना का प्रशिक्षण/डेमो देकर अभ्यास कराया गया
यह कमेटी बीएसए के पद पर तैनाती से पहले आधारभूत प्रशिक्षण देने और फील्ड स्तरीय अनुभव विकसित किए जाने के लिए सलाह देगी। यह कमेटी बेसिक शिक्षा अधिकारी के पदों पर तैनाती से पूर्व समूह-ख के अन्य विभिन्न पदों (वरिष्ठ प्रवक्ता, डावट/ प्रधानाचार्य सह जिला विद्यालय निरीक्षक/उप सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद एवं अन्य समकक्षीय पद) पर न्यूनतम तैनाती की अनिवार्यता के सम्बन्ध में कार्ययोजना 15 दिनों में सौंपेगी। इस कमेटी में महानिदेशक के अलावा पूर्व निदेशक डीबीशर्मा, संयुक्त शिक्षा निदेशक भगवती सिंह, गणेश कुमार और उप निदेशक पीसी यादव सदस्य के रूप में शामिल हैं।
अनुभवहीनता से बढ़ रहे अदालतों में मुकदमे
बीएसए के पद पर प्राय: अनुभवहीन अधिकारियों की तैनाती हो जाने के कारण उच्च न्यायालय में बड़े पैमाने पर मुकदमेबाजी हो रही है। इस कारण शासन का अधिकाश समय इसी में बीतता है इसके अलावा जनपद स्तरीय कार्य योजनाओं का सही से संचालन नहीं किया जाता है एवं शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण करने में भी अनुभवहीन बेसिक शिक्षा अधिकारी सक्षम नहीं होते हैं। कार्यालयों में तैनात बाबू गलत तरीके से खूब धन पैदा करते हैं और बेसिक शिक्षा अधिकारी से उल्टे सीधे आदेशों पर सिग्नेचर करवा लेते हैं। जानकारी के अभाव में बेसिक शिक्षा अधिकारी बाबुओं की कठपुतली बनकर रह जाते हैं। इन सभी तथ्यों को देखते हुए अब अनुभवी अधिकारियों को ही बेसिक शिक्षा अधिकारी के पद पर नियुक्त किया जाएगा।
Discover more from अमन यात्रा
Subscribe to get the latest posts sent to your email.