अनिल कुमार दोहरे
-
कानपुर देहात
रिश्तों की सच्चाई
थोड़ी ही देर के लिए तो खुशी लेके आते हैं, खून के रिश्ते अपने लोगों को परेशानियों में उलझाते हैं।…
Read More » -
कविता
श्री राम जी
कितने वर्षों के बाद श्री राम जी मिले। मुस्कुराहटों से हम सबके चेहरे खिले। ना दुख जताया था ना हर्ष।…
Read More » -
कविता
उतार-चढ़ाव
ज़िंदगी में उतार-चढ़ाव भी जरूरी हैं, सर्दी में धूप तो गर्मी में छांव भी जरूरी है। लहर में कसे हुए…
Read More »