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लाखों लोगों को मिल सकती है राहत, सिंघु-टीकरी और गाजीपुर बार्डर खुलने के आसार

किसानों आंदोलन के चलते पिछले 10 महीने से 'नर्क' जैसी स्थिति का सामना कर रहे दिल्ली-एनसीआर के लाखों को आगामी कुछ दिनों के दौरान राहत मिल सकती है। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद द‍िल्‍ली से सटे गाज‍ियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा समेत आसपास के शहरों के लोगों के ल‍िए राहत भरी खबर आ सकती है।

नई दिल्ली अमन यात्रा । किसानों आंदोलन के चलते पिछले 10 महीने से ‘नर्क’ जैसी स्थिति का सामना कर रहे दिल्ली-एनसीआर के लाखों को आगामी कुछ दिनों के दौरान राहत मिल सकती है। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद द‍िल्‍ली से सटे गाज‍ियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा समेत आसपास के शहरों के लोगों के ल‍िए राहत भरी खबर आ सकती है। दरअसल, दिल्ली-यूपी और हरियाणा के बार्डर को प्रदर्शनकारी किसानों की ओर से लगातार जाम किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह कार्यपालिका की ड्यूटी है कि वह सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए कानून पर अमल कराए। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही कोई रास्ता निकलेगा और लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी।

यूपी गेट से नहीं जा पाते हैं दिल्ली

सामान्य दिनों में हर दिन यूपी गेट होकर 1.10 लाख बाहरी और 90 हजार गाजियाबाद के वाहन दिल्ली जाते हैं। प्रदर्शन की वजह से यह दो लाख वाहन चालक यहां से दिल्ली नहीं जा पा रहे हैं। उन्हें खोड़ा, ईडीएम माल, कौशांबी, ज्ञानी बार्डर, भोपुरा सीमा से दिल्ली जाना पड़ रहा है। इन सीमाओं पर वाहनों का अतिरिक्त दबाव बढ़ता है। इससे जाम लगता है। वाहन चालकों को कम से कम तीन से 10 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है। हरदिन करीब तीन लाख लीटर ईंधन अतिरिक्त बर्बाद हो रहा है। यहां के औद्योगिक इकाइयों में माल के उत्पादन की लागत बढ़ रही है।

सिंघु बार्डर से भी नहीं हो रही आवाजाही

सिंघु बार्डर (कुंडली सीमा) पर भी प्रदर्शनकारियों ने कब्जा जमा रखा है। इस सीमा के बंद होने से चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, जम्मू से आवाजाही करने वाले लोग प्रभावित है। कुंडली और राई औद्योगिक क्षेत्रों की अधिकतर फैक्टियां बुरी तरह से प्रभावित हैं। सब्जी की पैदावार करने वाले किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

टीकरी सीमा से नहीं जा पा रहे दिल्ली

रोहतक रोड पर स्थित टीकरी सीमा से दिल्ली व हरियाणा का आवागमन बंद है। राहगीर गली-कूचे का प्रयोग करने के लिए मजबूर हैं। टीकरी बार्डर के बजाय निजामपुर व झाड़ौदा रोड से आवाजाही कर रहे हैं। इससे उन्हें निर्धारित से ज्यादा दूरी तय करनी पड़ रही है।

उधर, जयसिंहपुर खेड़ा-शाहजहांपुर बार्डर पर हालात खराब प्रदर्शनकारियों के दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम कर देने के कारण ट्रैफिक व्यवस्था बुरी तरह से चरमराई हुई है। हाईवे पर से हर रोज 40 से 45 हजार वाहन गुजरते हैं। इनमें भारी वाहनों की तादाद अधिक होती है। हाईवे जाम कर देने के कारण भारी वाहनों को शहर के बीच में से होकर निकलना पड़ रहा है। इसके चलते शहर की तमाम सड़कें पूरी तरह से जर्जर हो गई हैं। प्रदर्शनकारियों ने हाईवे पर करीब तीन किलोमीटर तक अपने टेंट लगाए हुए हैं, लेकिन वहां सीमित संख्या में ही लोग बचे हुए हैं।

 

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Author: pranjal sachan

कानपुर ब्यूरो चीफ अमन यात्रा


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