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विद्यालयों में नामांकन हुआ कम, मांगा गया स्पष्टीकरण

परिषदीय स्कूलों में घटती छात्र संख्या को शासन ने गंभीरता से लिया है। जिन स्कूलों में छात्र संख्या 50 से कम है उनके प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। कानपुर देहात के 850 स्कूलों में छात्र संख्या 50 से भी कम है। छात्र नामांकन की श्रेणी में कानपुर तीसरे स्थान पर है। आगरा में सबसे अधिक 1035, मैनपुरी में 943 स्कूलों में छात्र संख्या 50 से कम है। प्रदेश के 132842 परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों में 27931 ऐसे हैं जहां छात्रसंख्या 50 से भी कम है

Story Highlights
  • 50 से कम छात्र संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों की समीक्षा का आदेश जारी
  • कानपुर देहात जनपद की स्थिति बेहद खराब

कानपुर देहात। परिषदीय स्कूलों में घटती छात्र संख्या को शासन ने गंभीरता से लिया है। जिन स्कूलों में छात्र संख्या 50 से कम है उनके प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। कानपुर देहात के 850 स्कूलों में छात्र संख्या 50 से भी कम है। छात्र नामांकन की श्रेणी में कानपुर तीसरे स्थान पर है। आगरा में सबसे अधिक 1035, मैनपुरी में 943 स्कूलों में छात्र संख्या 50 से कम है। प्रदेश के 132842 परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों में 27931 ऐसे हैं जहां छात्रसंख्या 50 से भी कम है। यही नहीं 56 विद्यालयों में छात्रसंख्या शून्य है। प्रदेश में जुलाई 2011 में अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2009 लागू होने के 13 साल बाद भी स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है।

शिक्षा मंत्रालय के अधीन स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग में समग्र शिक्षा अभियान के लिए 2024-25 सत्र की वार्षिक कार्ययोजना और बजट के संबंध में आयोजित बैठक में यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को ओर से प्रस्तुत पिछले सत्र (2023-24) के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 5151 स्कूल एकल शिक्षक के भरोसे हैं। सबसे अधिक चिंता की बात है कि 37.13 प्रतिशत स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात आरटीई के अनुरूप नहीं है। इस पर यूपी के अधिकारियों को स्कूलों में मानक के अनुरूप शिक्षक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने 50 से कम छात्र नामांकन वाले स्कूलों की स्थिति को लेकर खेद व्यक्त किया है।

उन्होंने सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि 50 से कम छात्र नामांकन वाले स्कूलों के कारणों की समीक्षा करते हुए उक्त संबंध में सुसंगत स्पष्टीकरण 20 जून 2024 तक अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें अन्यथा की स्थिति में आपका उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने बताया कि यू-डायस पोर्टल पर दर्ज विवरण में जहां बच्चों का नामांकन पिछले सत्र के सापेक्ष घटा है। उन विद्यालयों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। आगे जारी होने वाले दिशा निर्देश के अनुरूप कार्यवाही व छात्र नामांकन संख्या बढ़ाने का काम होगा।

anas quraishi
Author: anas quraishi

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