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राष्ट्र निर्माण में शोध एवं नवाचार की महत्वपूर्ण भूमिका- डॉ. अनिल कुमार यादव

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर द्वारा सीवी रमन लघु शोध योजना स्कीम के तहत अकबरपुर महाविद्यालय को भावी शिक्षकों की विज्ञान विषय में रुचि से संबंधित विषय पर अध्ययन हेतु लघु शोध परियोजना स्वीकृत की गई है जिसके अंतर्गत महाविद्यालय में पांच दिवसीय शैक्षणिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।

Story Highlights
  • छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने शैक्षणिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

अकबरपुर । छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर द्वारा सीवी रमन लघु शोध योजना स्कीम के तहत अकबरपुर महाविद्यालय को भावी शिक्षकों की विज्ञान विषय में रुचि से संबंधित विषय पर अध्ययन हेतु लघु शोध परियोजना स्वीकृत की गई है जिसके अंतर्गत महाविद्यालय में पांच दिवसीय शैक्षणिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि शोध व नवाचार किसी भी राष्ट्र की प्रगति का प्रमुख आधार होते हैं। अतः समाज के प्रत्येक व्यक्ति में शोध व नवाचार की भावना का विकास किया जाना आवश्यक है। हमारा विश्वविद्यालय भी इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है तथा विश्वविद्यालय के शिक्षकों को इस दिशा में प्रेरित करने हेतु सीवी रमन लघु शोध परियोजना स्कीम के अंतर्गत वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है जिससे उनकी नवाचारी सोच एवं अनुसंधान की प्रवृत्ति को बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि भावी शिक्षकों हेतु इस प्रकार के आयोजन मील का पत्थर साबित होंगे तथा समाज को इसका बहुत अधिक लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा अनेकों योजनाओं का संचालन किया जाता है परंतु जानकारी के अभाव में, उनका लाभ हम सभी को नहीं मिल पाता है। हमें उन योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने अकबरपुर महाविद्यालय के शैक्षिक वातावरण की भी सराहना की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्रबंधक एवं शिक्षाविद डॉ. नरेंद्र द्विवेदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अतः हम सभी को पूर्ण लगन और निष्ठा के साथ अपने उत्तरदायित्वों का सही ढंग से निर्वहन करना चाहिए तथा समस्त शैक्षिक प्रशिक्षण में पूर्ण मनोयोग से भाग लेकर अधिकतम दक्षताओं का अर्जन करना चाहिए।

इससे पूर्व कार्यक्रम संयोजक एवं बी.एड. विभाग के सहायक आचार्य डॉ. विकास मिश्रा ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की तथा कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ. अभिनव सिंह ने अतिथियों का परिचय प्रस्तुत किया है। महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर रामकृष्ण चतुर्वेदी ने इस प्रोजेक्ट के तहत आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में विद्यार्थियों की शत- प्रतिशत सक्रिय सहभागिता की अपेक्षा की तथा कहा कि यह प्रशिक्षण अत्यंत उपयोगी है जो विद्यार्थियों के शिक्षण कौशल में वृद्धि करेगा। उद्घाटन सत्र के अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर एसी पाण्डेय ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का सफल संचालन बी.एड. विभाग के सहायक आचार्य एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. अभिनव सिंह ने किया।

उद्घाटन सत्र के पश्चात दो तकनीकी सत्रों का आयोजन हुआ जिनमें विषय विशेषज्ञों द्वारा लोकप्रिय वैज्ञानिक व्याख्यान हुए। प्रथम तकनीकी सत्र में भारतीय विज्ञान लेखक संघ के उपाध्यक्ष तारिक बदर ने वैज्ञानिक सूचना के स्रोतों एवं तथ्यपरक विज्ञान संचार पर चर्चा की तथा बताया कि हमें संचार करते समय तत्वों की वैधता एवं विश्वसनीयता सुनिश्चित कर लेनी चाहिए। उन्होंने वैज्ञानिक सूचना के विभिन्न स्रोतों पर विस्तार से चर्चा की।

लखनऊ के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ. सुमन कुमार मिश्रा ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं विज्ञान के विभिन्न पक्षों ज्ञानवर्धक सारगर्भित प्रस्तुतीकरण दिया। लखनऊ के विज्ञान संचारक एवं मीडिया विशेषज्ञ अनूप चतुर्वेदी ने विज्ञान संचार की चर्चा की तथा बताया कि दैनिक जीवन में विज्ञान की क्या उपयोगिता है। कार्यक्रम संयोजक डॉ. विकास मिश्रा ने “तथ्यपरक विज्ञान संचार : आवश्यकता एवं चुनौतियां” विषय पर प्रस्तुतीकरण देते हुए विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। डॉ. अर्चना द्विवेदी के नेतृत्व में प्रतिभागियों की सामूहिक चर्चा एवं विचार विमर्श के उपरांत कार्यक्रम के प्रथम दिवस की गतिविधियों का आयोजन संपन्न हुआ।

कार्यक्रम संयोजक डॉ विकास मिश्रा ने बताया है कि यह कार्यक्रम “भावी शिक्षकों एवं भावी शिक्षिकाओं की विज्ञान विषय में रुचि पर शैक्षिक प्रशिक्षणों (पाठ्य- सहगामी क्रियाओं) के प्रभाव का तुलनात्मक अध्ययन” विषय पर आधारित है जिसमें विद्यार्थियों की विज्ञान विषय में रुचि से संबंधित परीक्षण के प्री टेस्ट स्कोर एवं पोस्ट टेस्ट स्कोर के आधार पर शोधपरक अध्ययन किया जाएगा। यह परियोजना छत पर शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर द्वारा वित्त पोषित है एवं इंडियन साइंस कम्युनिकेशन सोसायटी लखनऊ द्वारा शैक्षणिक सपोर्ट प्रदान किया जा रहा है। इसी दौरान विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों को साझा संपन्न करने हेतु इंडियन साइंस कम्युनिकेशन सोसायटी लखनऊ एवं अकबरपुर महाविद्यालय के मध्य एमओयू पर भी सहमति बनी है जिसकी जानकारी सोसाइटी के ऑथराइज्ड सिग्नेटरी अनूप चतुर्वेदी ने दी है।

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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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