‘‘नारी सुरक्षा, नारी सम्मान, नारी स्वावलम्बन‘‘ से प्रेरित ‘‘मिशन शक्ति‘‘ कार्यक्रम पूरे जनपद में जिलाधिकारी के नेतृत्व में हो रहा संचालित
‘‘हमारा प्रयास जनपद का विकास‘‘ श्रृंखला के अन्तर्गत आज हम नारी शक्ति के अन्तर्गत जनपद में संचालित उन योजनाओं की चर्चा करेंगे जिसने नारी को सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से सशक्त बनाया है। ‘‘नारी सुरक्षा, नारी सम्मान, नारी स्वावलम्बन‘‘ की भावना से प्रेरित होकर ‘‘मिशन शक्ति‘‘ कार्यक्रम पूरे जनपद में जिलाधिकारी नेहा जैन के नेतृत्व में संचालित किया जा रहा है.

- महिलायें सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से हो रहीं हैं सशक्त
अमन यात्रा कानपुर देहात। ‘‘हमारा प्रयास जनपद का विकास‘‘ श्रृंखला के अन्तर्गत आज हम नारी शक्ति के अन्तर्गत जनपद में संचालित उन योजनाओं की चर्चा करेंगे जिसने नारी को सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से सशक्त बनाया है। ‘‘नारी सुरक्षा, नारी सम्मान, नारी स्वावलम्बन‘‘ की भावना से प्रेरित होकर ‘‘मिशन शक्ति‘‘ कार्यक्रम पूरे जनपद में जिलाधिकारी नेहा जैन के नेतृत्व में संचालित किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत महिलाओं को न केवल सशक्त बनाया जा रहा है अपितु उनके अन्दर छुपी हुई प्रतिभाओं को भी निखारा जा रहा है। 1980 के दशक में महिलाओं के अन्दर स्वानुभूति को व्यक्त करने की जो लालसा देखी गई उसी का परिणाम रहा कि महिलायें आज जीवन के हर क्षेत्र में शक्ति का पर्याय बनकर उभरी हैं, हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का यह प्रयास है कि महिलायें अब पुरूषों की आश्रित बनकर न रहें अपितु जीवन के हर क्षेत्र में स्वावलंबी बनकर उभरें।
इसी सोच के अन्तर्गत जनपद कानपुर देहात में शासन द्वारा संचालित उन योजनाओं को जिलाधिकारी के नेतृत्व में पूरी निष्ठा के साथ संचालित किया जा रहा है जिसके परिणामस्वरूप महिलायें आत्मनिर्भरता की तरफ अग्रसर हो रही हैं। इसी के अन्तर्गत सर्वप्रथम हम कन्या सुमंगला योजना की बात करें तो आज जनपद की कुल 19770 बालिकाओं की पी0एफ0एम0एस0(पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम) के माध्यम से लाभ प्रदान किया जा रहा है, वहीं ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ‘‘ योजना के अन्तर्गत जिला मुख्यालय स्तर पर नौ स्थान सभी तहसील, मुख्यालयों एवं सभी विकासखण्ड मुख्यालयों के साथ-साथ 270 महाविद्यालयों, विद्यालयों में गोष्ठी/कैम्प का आयोजन कर बालिकाओं/महिलाओं को शिक्षित, स्वावलम्बी, स्वास्थ्य, सुरक्षा, सशक्तीकरण आदि के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ विभागीय योजनाओं यथा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना(कोविड), उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य), पति के मृत्युपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना, जिला बाल संरक्षण इकाई, उ0प्र0 रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष, वन स्टाप संेटर, हेल्पलाइन नम्बर 181, 1098, 112, 1090, 101, 102, 108 आदि का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना(कोविड) के अन्तर्गत कुल 107 एवं मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना(सामान्य) के अन्तर्गत कुल 448 बच्चों को योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। बालिकाओं के महत्व और उनकी गरिमा को स्थापित करने के लिए कन्या जन्मोत्सव को एक उत्सव के रूप पूरे जनपद में मनाया जा रहा है। जिससे इस रूढ़िवादी सोच का अन्त किया जा सके कि कन्यायें, परिवार के ऊपर भार होती हैं। जनपद के विभिन्न स्कूलों एवं महाविद्यालयों में बालिकाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिलाधिकारी के नेतृत्व में निरन्तर गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। कन्या भ्रूण हत्या रोकने हेतु जिलाधिकारी के नेतृत्व में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जा रहा है। कन्याओं के प्रति इसी सकारात्मक पहल का परिणाम रहा कि जनपद का लिंगानुपात जो पहले 1000 पुरूषों पर मात्र 839 था अब बढ़कर 925 हो गया है, महिलाओं के अन्दर की प्रतिभा को निखारने हेतु जिलाधिकारी के नेतृत्व में इन्हें निरन्तर मंच प्रदान किया जा रहा है, आज जनपद की महिलाओं द्वारा निर्मित ‘‘देहाती बुकनू‘‘ देश-विदेश में एक ब्राण्ड बनकर उभरा है। जनपद की सांस्कृतिक पहचान ‘‘फाग गायन‘‘ जिसका नेतृत्व महिलाओं द्वारा किया जाता है, आज जनपद से निकलकर प्रदेश के कोने-कोने में अपनी पहचान बना रहा है। महिलायें आज ‘‘स्वयं सहायता समूह‘‘ से जुड़कर आर्थिक रूप से सबल बन रही हैं। इस तरह महिलायें जनपद में सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से नई ऊँचाईयां प्रदान की हैं।
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