राजा ययाति किले की ऐतिहासिक वस्तुओं की तस्करी कर रहा गैंग, बस्ती की आड़ में होती है खोदाई
जाजमऊ स्थित राजा ययाति के किले पर सिर्फ अवैध कब्जे ही नहीं हैं, यहां खोदाई करके ऐतिहासिक महत्व की वस्तुओं की तस्करी की जा रही है। खुफिया से ऐसी सूचना मिलने के बाद पुलिस को अलर्ट किया गया है। साथ ही राज्य पुरातत्व विभाग ने डीएम को पत्र लिखकर कहा है कि किले पर अवैध कब्जे हैं। खंडहर में 2800 साल पुरानी सभ्यता के सुबूत दफन हैं, जिन्हें संरक्षित करना जरूरी है।

कानपुर, अमन यात्रा । जाजमऊ स्थित राजा ययाति के किले पर सिर्फ अवैध कब्जे ही नहीं हैं, यहां खोदाई करके ऐतिहासिक महत्व की वस्तुओं की तस्करी की जा रही है। खुफिया से ऐसी सूचना मिलने के बाद पुलिस को अलर्ट किया गया है। साथ ही राज्य पुरातत्व विभाग ने डीएम को पत्र लिखकर कहा है कि किले पर अवैध कब्जे हैं। खंडहर में 2800 साल पुरानी सभ्यता के सुबूत दफन हैं, जिन्हें संरक्षित करना जरूरी है।
अब पता चला है कि कब्जा करने वालों के साथ मिलकर एक गैंग किले से पुरातात्विक वस्तुओं की खोदाई करके उन्हें ऊंचे दामों में बेच रहा है। खोदाई के बारे में किसी को पता नहीं चले, इसलिए अवैध कब्जे कराए गए। इसको लेकर कानपुर इतिहास समिति के महासचिव अनूप शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अवैध कब्जे सालों पहले के हैं। 20 साल पहले उन्होंने रिटायर्ड अधीक्षक पुरातत्वविद सीएम बहल के साथ किले का दौरा किया था। तब वहां झोपड़ी में रहने वालों के पास खोदाई से निकले टेराकोड ह्यूमन हेड, कुछ मृद भांड आदि वस्तुएं देखी थीं। इससे साफ है कि किले की खोदाई सालों पहले से धीरे-धीरे की जा रही है।
पुरातत्व विभाग ने लिखा पत्र : उल्लेखनीय है कि यहां पर कई बार सोने-चांदी के सिक्के और आभूषण मिलने की खबरें आती रही हैं। दूसरी ओर राजा ययाति के किले पर अवैध कब्जे को लेकर राज्य पुरातत्व विभाग ने डीएम को किला खाली कराने को लेकर पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि किले में पूर्व में हुई खोदाई में 2800 साल पुरानी सभ्यता के अवशेष मिले थे। भावी पीढ़ी के पुरातात्विक अध्ययन के लिए यह टीला बेहद महत्वपूर्ण है। यहां पर बड़ी संख्या में अवैध निर्माण हैं, जिन्हें खाली कराया जाना चाहिए। इस पत्र की एक कापी पुलिस आयुक्त असीम अरुण को भी भेजी गई है।
10 हेक्टेयर क्षेत्रफल में है किला : इस पत्र के साथ राज्य पुरातत्व विभाग ने अक्टूबर 2017 को लिखा गया एक पत्र भी भेजा है, जिसके मुताबिक किला 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल में स्थित है। वर्ष 1978 से इसका प्रबंधन कानपुर विकास प्राधिकरण के पास है। इस पत्र में पप्पू स्मार्ट का भी जिक्र है कि उसने यहां बड़े भूभाग पर दीवार खड़ी करके कब्जा कर लिया है। गेट भी लगा रखा है।
–राज्य पुरातत्व विभाग का पत्र मिला है। इस संबंध में जिला प्रशासन से बात करके किले के अवैध कब्जे हटाए जाएंगे। साथ ही महत्वपूर्ण ऐतिहासिक वस्तुओं की तस्करी कर रहे गैंग के शातिरों को पकड़ा जाएगा। –असीम अरुण, पुलिस आयुक्त।
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