इन 5 कारणों से महिलाओं के लिए बेहद ज़रूरी हो जाता है विटामिन-सी!
विटामिन-सी के इम्यूनिटी बूस्टिंग फायदों के बारे में तो आपने ख़ूब सपृुना होगा लेकिन क्या आप इसके दूसरे फायदों के बारे में जानते हैं? नहीं तो आज हम बता रहे हैं कई और फायदों के बारे में जिनके बारे में आप नहीं जानती होंगी।

नई दिल्ली, अमन यात्रा दुनिया भर में महिलाएं आज समाज में रहने के आधुनिक तरीके के अनुकूल होने के लिए कई भूमिकाएं निभाती हैं। घर और ऑफिस के काम के बीच संतुलन बिठाए रखने के चक्कर में खुद को कहीं भूल जाती हैं। महिलाएं कुछ लाभकारी सप्लीमेंट्स को अनदेखा कर देती है, या इसकी वजह जागरुकता में कमी भी हो सकती है।
जो इम्यूनिटी को बढ़ावा देने वाले विटामिन-सी को ही ले लें, जिसे अक्सर ग़लत समझा जाता है। ये पानी में घुलने वाला होता है, इसलिए आपका शरीर इसे स्टोर नहीं कर सकता। यही वजह है कि विटामिन-सी का असर शरीर पर दिखे, इसके लिए आपको इसे रोज़ाना खाने के ज़रिए या फिर सप्लीमेंट के ज़रिए लेना होता है।
विटामिन-सी के इम्यूनिटी बूस्टिंग फायदे के बारे में तो आप जानते हैं, लेकिन आज हम बता रहे हैं, कई और फायदों के बारे में, जिनके बारे में आप नहीं जानती होंगी।
कोलेजन उत्पादन के लिए एक आवश्यक एंटीऑक्सीडेंट
पानी में घुलने वाला ये पोषक तत्व, एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट का काम करता है, जो धमनी, स्कार टिशू के विकास और कार्टिलेज के रखरखाव के लिए आवश्यक है। कोलेजन एक पदार्थ है, जिसका उत्पादन हमारा शरीर प्राकृतिक तौर पर करता है। विटामिन-सी कोलेजन के उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है, जिससे झुर्रियां और उम्र बढ़ने की निशानियां कम होती हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान
बढ़ते हुए भ्रूण और शिशु की ज़रूरतों की वजह से, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को विटामिन-सी की और भी ज़्यादा ज़रूरत पड़ती है। प्रेग्नेंट महिला में आम महिला के मुकाबले विटामिन-सी का स्तर काफी कम होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि विटामिन-सी बढ़ते हुए बच्चे को चला जाता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के लिए विटामिन-सी बेहद ज़रूरी होता है।
तनाव और हाइपरटेंशन
तनाव शरीर में विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे, उत्पादन, मासिक धर्म चक्र, और महिलाओं और पुरुषों में प्रजनन क्षमता के साथ ही पाचन और प्रतिरक्षा को प्रभावित कर सकता है। विटामिन सी शारीरिक और भावनात्मक तनाव के विशिष्ट संकेतकों से निपटने में मदद करता है। यह तनाव हार्मोन के स्तर को भी कम करता है।
आयरन के अवशोषण में वृद्धि
विटामिन-सी सप्लीमेंट डाइट में से आयरन को बेहतर तरीके से सोखने में मदद कर सकता है। नतीजतन, यह एनीमिया के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है, खासतौर पर उन लोगों में जिनमें आयरन की कमी होने का ख़तरा होता है।
दिल से जुड़ी बीमारियों के ख़तरे को कम करता है
विटामिन-सी सप्लीमेंट का दिल की बीमारियां के कम होने से सीधा रिश्ता है। ये सप्लीमेंट्स हृदय रोग, जैसे, एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल के उच्च रक्त स्तर और ट्राइग्लिसराइड्स के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
कैसे लें विटामिन-सी?
सिटरस फल, टमाटर, टमाटर का रस और आलू में विटामिन-सी की मात्रा अच्छी होती है। इसके अलावा लाल और हरी मिर्च, कीवी (फल), ब्रॉकोली, स्ट्रॉबेरीज़, ब्रीसल स्प्राउट्स में भी विटामिन-सी होता है। सभी फलों और सब्ज़ियों में विटामिन-सी की मात्रा एक जैसी नहीं होती है। जैसे केले और सेब में विटामिन-सी की मात्रा बेहद कम होती है, वहीं, संतरे, स्ट्रॉबेरीज़, टमाटर, कीवी में उच्च स्तर पाया जाता है।

Author: AMAN YATRA
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