समस्याओं को लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने 10 सूत्रीय मांगों का दिया ज्ञापन
भारत सरकार द्वारा विद्यालय, शिक्षकों और छात्रों के केंद्रीयकृत डेटा संग्रह के लिए बनाया गया यू डाइस पोर्टल छात्रों और अभिभावकों और शिक्षकों के लिए सिर दर्द बनता जा रहा है।

कानपुर देहात। भारत सरकार द्वारा विद्यालय, शिक्षकों और छात्रों के केंद्रीयकृत डेटा संग्रह के लिए बनाया गया यू डाइस पोर्टल छात्रों और अभिभावकों और शिक्षकों के लिए सिर दर्द बनता जा रहा है। यू डाइस पोर्टल में छात्रों के लिए उनके आधार से लिंक कर अपार (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) आईडी बनाई की जाती है जो उनकी करियर का शैक्षिक हिसाब रखेगी। जिसके लिए बच्चों का आधार अनिवार्य होता है। वर्तमान समय में बिना जन्म प्रमाण पत्र के आधार नहीं बन पा रहे हैं। जिसके चलते कई छात्र प्रति वर्ष डीबीटी के लाभ से वंचित हो जाते हैं। साथ ही उनकी अपार आईडी भी जनरेट नहीं हो पा रही है। इससे उनके भविष्य की शिक्षा खतरे में पड़ सकती है। छात्रों की इस समस्या सहित 10 सूत्रीय मांग पत्र को राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ कार्यकारिणी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचकर ने बीएसए को सौंपा।
जिला अध्यक्ष मनोज कुमार शुक्ला ने बताया कि सरकार की योजना तो अच्छी है किंतु अभिभावकों में अभी अपार आईडी को लेकर जागरूकता नहीं है वह इसकी गंभीरता को समझ नहीं रहे हैं। विद्यालय रिकॉर्ड, आधार के रिकॉर्ड, पेन (परमानेंट एजुकेशन नंबर) और यू डाइस पोर्टल पर रिकॉर्ड एक समान ना होने पर अभिभावकों और छात्रों को उच्च स्तर की कक्षाओं में प्रवेश के समय समस्या हो सकती है। संगठन का अनुरोध है कि जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया को सरलीकृत करते हुए विद्यालय के रजिस्टर के आधार पर आधार आईडी बनवाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर कैंप लगाया जाए। जिला संगठन मंत्री अनंत त्रिवेदी ने बताया कि बिना मान्यता के संचालित विद्यालयों को अभियान चलाकर बंद कराया जाए तभी स्कूल चलो अभियान की संकल्पना सरकार हो सकेगी।
यू डाइस पोर्टल पर बिना आधार के पेन जेनरेशन पर भी रोक लगाई जाए। जिला महामंत्री सुनील सचान ने चयन वेतनमान, लंबित एरियर, कार्यवाही बहाली, बेरोक टोक सीसीएल, जीपीएफ ऑनलाइन, मानव संपदा पोर्टल की त्रुटियों को दूर करने, विद्यालयों में साफ सफाई संबंधी मांगों को रखा। इस दौरान कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेंद्र कुमार, उपाध्यक्ष संत कुमार दीक्षित, ज्योत्सना गुप्ता, अजय कुमार गुप्ता आदि रहे।
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