राष्ट्रपति चुनाव के लिए 98 लोगों ने भरा पर्चा, सिर्फ दो ही हुए ओके, 96 आवेदन रद्द
राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए 98 लोगों ने पर्चा भरा था जिसमें से केवल 2 उम्मीदवार ही बचे हैं. नामांकन और जांच की प्रक्रिया ख़त्म होने के बाद बाक़ी अभी लोगों के पर्चे ख़ारिज़ कर दिए गए. 2 जुलाई तक नाम वापस लेने की आख़िरी तारीख़ है.

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए 98 लोगों ने पर्चा भरा था जिसमें से केवल 2 उम्मीदवार ही बचे हैं. नामांकन और जांच की प्रक्रिया ख़त्म होने के बाद बाक़ी अभी लोगों के पर्चे ख़ारिज़ कर दिए गए. 2 जुलाई तक नाम वापस लेने की आख़िरी तारीख़ है. चुनाव के पीठासीन अधिकारी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 29 जून को नामांकन की आख़िरी तारीख खत्म होने तक कुल 98 लोगों ने 115 सेट नामांकन पत्र भरा. इनमें से 26 लोगों के नामांकन उसी समय तकनीकी कारणों से रद्द कर दिए गए थे, जब उन्होंने इसे भरा था. बाक़ी 72 लोगों के नामांकन पत्र की जांच गुरुवार को की गई जिनमें से केवल एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और यूपीए उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का नामांकन ही सही पाया गया.
इस बार राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को चुनाव का पीठासीन अधिकारी या रिटर्निंग ऑफिसर बनाया गया है. आंकड़ों के मुताबिक़ दिल्ली समेत कुल 17 राज्यों से नामांकन पत्र भरे गए. इनमें सबसे ज़्यादा 19 लोगों ने दिल्ली से नामांकन भरा जबकि दूसरे नम्बर पर रहे उत्तर प्रदेश से 16 लोगों ने पर्चा भरा. इसी तरह महाराष्ट्र से 11 और तमिलनाडु से 10 लोगों ने पर्चा भरा. नामांकन भरने वालों में द्रौपदी मुर्मू समेत 10 महिलाएं भी रहीं.
ख़ारिज़ किए गए ज़्यादातर नामांकन पत्रों में प्रस्तावक और अनुमोदकों की पर्याप्त संख्या नहीं होना और चुनाव लड़ने के लिए 15000 रुपए की जमा राशि का नहीं होना जैसे कारण शामिल है. जमा राशि के रूप में 62 लोगों ने 9,30,000 रुपए प्राप्त हुआ है. हालांकि जमा राशि को एक आवेदन के ज़रिए वापस लिया जा सकता है.
राष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के चुने हुए सांसदों के अलावा राज्यों के चुने हुए विधायक वोट दे सकते हैं. 28 राज्यों के अलावा दिल्ली और पुड्डुचेरी के विधानसभा सदस्य भी इस चुनाव में वोट डाल सकेंगे. इस चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के 776 सांसद वोट देने के योग्य होंगे और हर सांसद के वोट का मूल्य 700 रखा गया है. इसका मतलब सांसदों के कुल वोटों का मूल्य 543200 होगा.
इसके अलावा अलग-अलग राज्यों के कुल 4033 विधायक भी वोट दे सकेंगे. हर राज्य के विधायक के वोट का मूल्य अलग-अलग होता है. उत्तर प्रदेश के एक विधायक के वोट का मुख्य 208 है जो देशभर में सबसे ज़्यादा है. दूसरे नम्बर पर झारखंड और तमिलनाडु आता है जहां एक विधायक के वोट का मूल्य 176 तय किया गया है. इसी तरह महाराष्ट्र में एक विधायक के वोट की क़ीमत 175 रखी गई है. सिक्किम के विधायकों के वोट का मूल्य सबसे कम होता है जो 6 है. दिल्ली के एक विधायक के वोट का मूल्य 58 जबकि पुड्डुचेरी के एक विधायक के वोट का मूल्य 16 तय किया गया है.
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