कानपुर

उत्तर प्रदेश पुलिस का मानवीय चेहरा एक बार फिर चर्चा में, खबर पढ़कर आप भी कहेंगे…Welldone!!

 अपने अच्छे और सहायक आचरण के कारण उत्तर प्रदेश पुलिस अक्सर चर्चा में रहती है। ऐसा नहीं कि कानपुर पुलिस का यह पहला गुड वर्क है। बल्कि यदि फरवरी से मार्च की बात करें दो ऐसे ही मामले सामने आ चुके हैं।

कानपुर,अमन यात्रा ।  समाज में अाए दिन होने वाले अपराध या फिर किसी भी घटना में जरा सी चूक होने पर पुलिस महकमा तुरंत सवालों के कठघरे में आ जाता है। हालांकि आज के इस आधुनिक युग में पुलिस के निंदनीय या प्रशंसनीय कार्य को सुर्खियां बनने में भी देर नहीं लगती। नागरिकों की सुरक्षा के मंतव्य से काम करने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस अपनी गुड इमेज (अच्छी छवि) को बरकरार रखने का पूरा प्रयास करती है। इसी कड़ी में कानपुर पुलिस का एक और सराहनीय कार्य जुड़ चुका है। दरअसल, रविवार को पीआरवी के सिपाहियों ने शहर में भटक रही फर्रुखाबाद की एक महिला को न केवल उसके परिवार से मिलाया बल्कि घर लौटते समय एक साड़ी और एक जोड़ी चप्पल देकर उन्हें ससम्मान विदा भी किया।

पहले भी सामने आया था पुलिस का गुड वर्क

ऐसा नहीं कि कानपुर पुलिस का यह पहला गुड वर्क है। बल्कि यदि फरवरी से मार्च की बात करें दो ऐसे ही मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें कानपुर पुलिस का मित्रवत व्यवहार सामने आया था। पहला मामला था बिधनू का जहां एसओ विनोद कुमार सिंह ने 21 फरवरी को वृद्धा का घरेलू विवाद सुलझाया था। दूसरा मामला था दो मार्च का जिसमें शिवराजपुर पुलिस ने कुछ ही देर में विदेशी सैलानी का बैग ढूंढ़ कर दे दिया था। इस बार का भी मामला कुछ ऐसा है कि जिसे पढ़ते ही आप कानपुर पुलिस टीम को शाबाशी देने को विवश हो जाएंगे।

ये है पूरा मामला 

फर्रुखाबाद की थाना कोतवाली की तलैया फजल निवासी 74 वर्षीय रामबेटी 8 मार्च को अपने कुछ साथियों के साथ जवाहरलाल रोहतगी नेत्र चिकित्सालय में लगे कैंप में आंखों का ऑपरेशन कराने आई थीं। ऑपरेशन के बाद रामबेटी अपने साथियों से बिछड़ गईं। वह अस्पताल से अकेले ही घर जाने के लिए निकलीं, लेकिन रास्ता भटक गईं। रास्ता भटक कर राम बेटी पुराना कानपुर स्थित गौशाला में पहुंच गईं। वहां एक शादी समारोह का आयोजन हो रहा था। शनिवार रात 2 बजे तक वह गौशाला के बाहर ही बैठी रहीं। लोगों ने जब उन्हें देखा तो उनसे बातचीत की उन्हें केवल अपने निवास स्थान की जानकारी थी कोई फोन नंबर उन्हें याद नहीं था। इस पर स्थानीय लोगों ने डायल 112 पर सूचना दी।

एसपी पश्चिम डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि सूचना पर डायल 112 के सिपाही मौके पर पहुंचे और राम बेटी को अपने साथ कोहना थाने ले आए। कोहना थाने में उनसे पूछताछ की गई, इसके बाद बताए गए पते के आधार पर फर्रुखाबाद पुलिस से संपर्क किया गया। जल्द ही रामबेटी के परिवार के बारे में पता चल गया। इस बीच पुलिस ने थाने पर बैठी वृद्धा को खाना खिलाया उन्हें ढांढ़स बनाया कि उनका परिवार जल्दी ही उन्हें लेने आ रहा है। शनिवार देर शाम को उनका बेटा रामबाबू उन्हें लाने कोहना थाने पहुंचा विदाई के समय थाना पुलिस में वृद्धा को एक साड़ी और एक जोड़ी चप्पल देकर उन्हें ससम्मान थाने से विदा किया।

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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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