श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की तबीयत खïराब, सांस लेने में परेशानी
रामनगरी अयोध्या में राम मंदिर विवाद के समय से बेहद सक्रिय महंत नृत्य गोपाल दास की तबीयत रविवार को अचानक खराब हो गई है। उनको सांस लेने में तकलीफ होने के कारण लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराने की तैयारी चल रही है। उनका चेकअप करने मेदांता अस्पताल के निदेशक राजीव कपूर अयोध्या पहुंचे हैं।

अयोध्या, अमन यात्रा । रामनगरी अयोध्या में राम मंदिर विवाद के समय से बेहद सक्रिय महंत नृत्य गोपाल दास की तबीयत रविवार को अचानक खराब हो गई है। उनको सांस लेने में तकलीफ होने के कारण लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराने की तैयारी चल रही है। उनका चेकअप करने मेदांता अस्पताल के निदेशक राजीव कपूर अयोध्या पहुंचे हैं।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की तबीयत रविवार को अचानक ही खराब हो गई। इसके बाद जिला अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने महंत नृत्य गोपाल दास का मेडिकल चेकअप किया। 82 वर्षीय महंत नृत्य गोपाल दास को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। निदेशक राजीव कपूर के नेतृत्व में लखनऊ के मेदांता अस्पताल के डॉक्टर्स की टीम भी अयोध्या में है। माना जा रहा है कि महंत नृत्य गोपाल दास के चेकअप के बाद उनको मेदांता अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकता है। महंत नृत्य गोपाल दास को सांस लेने में तकलीफ के साथ खांसी तथा अत्यधिक यूरिन डिस्चार्ज की शिकायत है। महंत नृत्य गोपाल दास के ऑक्सीजन लेवल में भी उतार-चढ़ाव भी हो रहा है।
महंत नृत्य गोपाल दास कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद अयोध्या पहुंचे थे। वह अपने स्वास्थ्य को लेकर बेहद सजग हैं। अयोध्या आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास बीते वर्ष अगस्त के महीने में कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नृत्यगोपाल दास को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया था।
अयोध्या में मणिराम दास (छोटी छावनी) के महंत नृत्यगोपाल दास का जन्म मथुरा में हुआ है। वह राम जन्म भूमि न्यास के साथ कृष्ण जन्म भूमि न्यास के भी अध्यक्ष हैं। वह मथुरा में कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर जाते हैं। महंत नृत्य गोपाल दास का जन्म मथुरा के बरसाना के कहोला गांव में 1938 में हुआ। उन्होंने सिर्फ 12 वर्ष की उम्र में ही संन्यास ले लिया था और मथुरा से अयोध्या आ गए। 1953 में उन्होंने अयोध्या में मणिराम दास छावनी में राम मनोहर दास से दीक्षा ली।
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